Medals – खेलों में मेडल क्या हैं और क्यों महत्वपूर्ण?

जब कोई खिलाड़ी या टीम पहला स्थान हासिल करती है, तो उसे अक्सर एक मेडल मिलता है। गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्झ के तीन रंग सबसे आम होते हैं। ये सिर्फ धातु नहीं, बल्कि मेहनत, ट्रेनिंग और देश की शान का प्रतीक होते हैं। आप भी कभी सोचे हैं कि मेडल कैसे बनते हैं या किन प्रतियोगिताओं में कौन‑से पदक मिलते हैं?

मुख्य प्रतियोगिताओं के मेडल प्रकार

भारत में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली तीन बड़ी प्रतियोगिताएँ हैं – ओलिंपिक, एशिया गेम और राष्ट्रीय खेल महोत्सव। हर इवेंट में गोल्ड, सिल्वर, ब्रॉन्झ क्रमशः 1st, 2nd और 3rd स्थान के लिए दिया जाता है। कुछ स्पोर्ट्स में अतिरिक्त विशेष मेडल भी होते हैं, जैसे कि रेज़रबेर्री (उत्कृष्ट प्रदर्शन) या लायफटाइम एचीवमेंट अवॉर्ड।

ओलिंपिक में गोल्ड मेडल का वजन लगभग 556 ग्राम और सोने की परत केवल 6 ग्राम होती है – बाकी चांदी और ताम्बा से बना होता है। एशिया गेम के मेडल थोड़े हल्के होते हैं, लेकिन उनका डिज़ाइन हर बार बदलता रहता है ताकि वह उस देश की संस्कृति को दर्शाए जहाँ इवेंट हो रहा है.

भारत में हाल के मेडल जीतने वाले सितारे

पिछले कुछ सालों में कई भारतीय खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमक दिखायी है। बिंदु राव 2024 एशिया गेम में बैडमिंटन में गोल्ड ले गया, जबकि पवित्र सिंह ने वॉटर पोर्टिंग में सिल्वर मेडल जीता। ये नाम सिर्फ समाचार नहीं, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं. आप भी अगर खेल में रुचि रखते हैं तो इन कहानियों को पढ़कर अपने लक्ष्य तय कर सकते हैं.

एक और दिलचस्प बात यह है कि कई बार छोटे शहरों से आने वाले एथलीट्स अपनी पहली मेडल जीतते ही सरकारी योजना के तहत आर्थिक मदद पाते हैं। इससे उनका प्रशिक्षण जारी रहता है और भविष्य में बड़े इवेंट्स में भी जीतने की संभावना बढ़ती है.

तो, अगर आप Medals टैग पर आएँ तो आपको न सिर्फ मेडल की मूल बातें मिलेंगी बल्कि भारतीय खिलाड़ी की ताज़ा उपलब्धियों का भी सार मिलेगा। इस पेज को बुकमार्क करके रखिए, ताकि जब भी नया मीड़ल समाचार आये, आप पहले पढ़ सकें. खेलों में जीतना अब आपके हाथ में है – बस सही जानकारी और मेहनत से!

पेरिस ओलंपिक में एचएस प्रणॉय की शानदार शुरुआत, सीधे गेम्स में रॉथ को हराया 29 जुलाई 2024
Avinash Kumar 0 टिप्पणि

पेरिस ओलंपिक में एचएस प्रणॉय की शानदार शुरुआत, सीधे गेम्स में रॉथ को हराया

भारतीय शटलर एचएस प्रणॉय ने पेरिस ओलंपिक में धमाकेदार शुरुआत की, जहां उन्होंने इजरायल के मिशा जिल्बरमैन रॉथ को सीधे गेम्स में मात दी। 31 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी ने 21-12, 21-7 की शानदार जीत दर्ज कर अगले दौर में प्रवेश किया। यह प्रणॉय की पहली ओलंपिक जीत है, जो भारत के लिए बैडमिंटन में पदक की उम्मीद बढ़ा रही है।

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