जब मुहूर्त ट्रेडिंग, वित्तीय वर्ष की पहली शेयर ख़रीद‑फ़िरोक़ी अवधि को कहा जाता है जिसमें इन्वेस्टर्स उम्मीद करते हैं कि बाजार जल्द‑जलीबाज़ी से उछाल दिखाएगा. Also known as सत्र प्रारम्भ ट्रेडिंग, it often सेट करता है साल‑भर की ट्रेडिंग टोन।
इस टॉपिक को समझने के लिए दो दोस्ताना एंटिटीज़ को देखिए: स्टॉक मार्केट, इंडिया के प्रमुख एक्सचेंज जैसे NSE, BSE जहाँ सभी इक़्विटीज़ और डेरिवेटिव्स ट्रेड होते हैं और IPO, नए कंपनियों की सार्वजनिक सूचीकरण प्रक्रिया, जो अक्सर मुहूर्त ट्रेडिंग के साथ मिलकर हाई वॉल्यूम उत्पन्न करती है. इन दोनों का मिलन मुहूर्त ट्रेडिंग को अतिरिक्त गैस देता है, क्योंकि नई इश्यूज पर पहली‑बार निवेशकों का उत्साह अक्सर पूरे बाजार को बूस्ट करता है।
एक अच्छा मुहूर्त ट्रेडिंग प्लान तीन मुख्य एट्रीब्यूट्स पर टिकता है: टाइमिंग, वॉल्यूम और सिंक. टाइमिंग का मतलब है वित्तीय वर्ष के पहले दो‑तीन दिन में एंट्री‑एक्ज़िट करना; वॉल्यूम का मतलब है IPO या बड़े कैप कंपनी की शेयर खरीद‑बिक्री में तेज़ी; और सिंक का मतलब है इन दोनों को मिलाकर मार्केट आवेग को पढ़ना। उदाहरण के तौर पर, 2025 में कई बड़े IPO (जैसे Tata Capital) ने मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान 75% सब्सक्रिप्शन हासिल किया, जिससे NSE‑BSE में इन्डेक्स भी करीब 2% उछला।
यहां वित्तीय वर्ष, अक्टूबर से शुरू होकर अगले सितंबर तक का 12‑महिने का अकाउंटिंग चक्र भी अहम भूमिका निभाता है। वित्तीय वर्ष की शुरुआत में कई कंपनियां अपने साल‑भर के लक्ष्य को सेट करती हैं, जिससे बॉर्न‑ऑफ़ रिपोर्ट और शेयर‑होल्डर मीटिंग्स में सकारात्मक संकेत मिलते हैं। यही कारण है कि मुहूर्त ट्रेडिंग अक्सर “भविष्य की उम्मीद” के साथ जुड़ी होती है।
जब आप मुहूर्त ट्रेडिंग को अपनाते हैं, तो एक साधारण ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी, जैसे कि एंट्री‑पर‑बाय‑ऑफ‑डिप्रेसन, या प्री‑ऑर्डर‑बाय‑हॉलिडे‑सेल्स मददगार बनती है। उदाहरण के लिए, “सेक्टर‑लेडर बाय‑एंड‑होल्ड” रणनीति में आप उन कंपनियों में निवेश करते हैं जो कानूनी रूप से अपने सेक्टर में सबसे आगे हैं। इस रणनीति का फायदा है कि शुरुआती उलटफेर के बाद भी आपको लम्बे‑समय की रिटर्न मिलती है।
सार में, मुहूर्त ट्रेडिंग सिर्फ “पहले दिन की ट्रेड” नहीं, बल्कि एक संपूर्ण इकोसिस्टम है जिसमें स्टॉक मार्केट, IPO, वित्तीय वर्ष और ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी आपस में जुड़ते हैं। अगले सेक्शन में आप विभिन्न लेख देखेंगे—ऑस्ट्रेलिया की जीत, करवा चौथ के मुहूर्त, आईबीपीएस की नई भर्ती, और कई अन्य—जो इस टैग के अंतर्गत आए हैं। ये सब आपको मुहूर्त ट्रेडिंग के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करेंगे, चाहे आप शुरुआती हों या अनुभवी ट्रेडर।
तो चलिए, नीचे दिए गए लेखों में डुबकी लगाते हैं और देखें कि कैसे मुहूर्त ट्रेडिंग का हर पहलू आपके निवेश निर्णय को सुदृढ़ बना सकता है।
ऑक्टूबर 2025 में NSE‑BSE के ट्रेडिंग बंद, दीवाली‑लक्ष्मी पूजा के साथ खास मुहूरत ट्रेडिंग सत्र, निवेशकों को रणनीति‑पुनर्मूल्यांकन का अवसर।
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