ऑडिशन से लेकर गांव तक, ओडिशा की राजनीति हर कोने में धूम मचा रही है। अगर आप भी यह जानना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री के नई योजना कैसे काम कर रहे हैं या विपक्षी पार्टियों का अगला कदम क्या हो सकता है, तो यही सही जगह है।
बीती साल में ओडिशा सरकार ने कई बड़े प्रोजेक्ट लॉन्च किए – जलसंधारण से लेकर उद्योग विकास तक। सबसे बड़ा ध्यान बिकाश योजना पर दिया गया, जिससे छोटे किसानों को आधुनिक तकनीक और फसल बीमा मिल रहा है। साथ ही, राज्य की सड़कों का विस्तार भी तेज़ी से हो रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बाजार तक पहुँच आसान हुई है। इन कदमों को देखते हुए कई व्यापारियों ने निवेश बढ़ाने का इरादा जाहिर किया है।
एक और अहम योजना डिजिटल ओडिशा पहल है, जिसके तहत सरकारी सेवाएँ मोबाइल एप्लीकेशन के ज़रीए उपलब्ध कराई जा रही हैं। इससे नागरिकों को दस्तावेज़ी कार्य में कम समय लग रहा है और पारदर्शिता बढ़ी है। यदि आप इस योजना से जुड़ी कोई सवाल रखते हैं तो टिप्पणी में पूछ सकते हैं; हम जवाब देने की कोशिश करेंगे।
सरकार की पहलें चाहे कितनी भी प्रभावशाली हों, विपक्ष़ हमेशा सवाल उठाता है। मुख्य विरोधी दल ने हाल ही में कई मुद्दे उठाए – विशेषकर जलसंधारण परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण का विवाद। उन्होंने कहा कि ग्रामीण लोगों को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिला और इससे सामाजिक तनाव बढ़ रहा है। इस पर सरकार ने जल्द‑से‑जल्द पुनर्विचार करने की घोषणा की, जिससे जनता के बीच भरोसा फिर से बन सके।
आने वाले विधानसभा चुनावों में भी बड़ी हलचल देखी जा रही है। कई नई पार्टियों ने गठबंधन बना कर वोटर बेस को आकर्षित करने का प्रयास किया है। यदि आप अपने इलाके के उम्मीदवारों या पार्टी मैनिफेस्टो की जानकारी चाहते हैं, तो हमारे नीचे दिए गए टेबल में देखें – इसमें प्रत्येक प्रमुख पार्टी के मुख्य बिंदु संक्षेप में लिखे गये हैं।
अंत में यह कहना सही रहेगा कि ओडिशा राजनीति सिर्फ राजधानी में नहीं चल रही है; यह हर गली, हर बाजार और हर स्कूल तक पहुंच चुकी है। चाहे आप छात्र हों, किसान या व्यापारिक, आपके लिए इस बदलाव के कई अवसर हैं। इस टैग पेज पर हम लगातार नई ख़बरें जोड़ते रहेंगे, इसलिए बार‑बार विज़िट करें और अपडेट रहें।
ओडिशा के पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के स्तंभ देबेन्द्र प्रधान का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। डॉक्टर से नेता बने प्रधान ने ओडिशा में बीजेपी को जमीनी स्तर पर मजबूत किया। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू सहित कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया। उनका अंतिम संस्कार सम्मान के साथ भुवनेश्वर में किया गया।
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