फेफ़ड़ों का कैंसर: क्या है, कैसे रोकें और इलाज

अगर आप या आपके किसी परिचित को लगातार खांसी, सांस में तकलीफ़ या छाती में दर्द रहता है, तो यह फेफ़ड़ों के कैंसर की चेतावनी हो सकती है। इस लेख में हम आसान शब्दों में समझेंगे कि फेफ़ड़ों का कैंसर क्या होता है, इसके प्रमुख लक्षण कौन‑से हैं और बचाव व उपचार कैसे किया जाता है।

फेफ़ड़ों का कैंसर क्या है?

फेफ़ड़ों का कैंसर तब शुरू होता है जब फेफ़ड़े के सेल असामान्य रूप से तेजी से बढ़ते हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकते हैं। दो मुख्य प्रकार होते हैं – स्क्वैमस कोशिका कार्सिनोमा (जो धूम्रपान वालों में आम) और एडेनोकार्सिनोमा (ज्यादा तर महिलाओं और गैर‑धुम्रपानियों में)। यह रोग अक्सर तब तक नहीं दिखता जब तक लक्षण स्पष्ट न हों, इसलिए समय पर स्क्रीनिंग बहुत जरूरी है।

मुख्य लक्षण और रोकथाम

सबसे आम संकेत हैं लगातार खांसी, ख़ून वाली बलगम, सांस फूलना और छाती में दर्द। कभी‑कभी वजन घटना या थकान भी महसूस हो सकती है। अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो जोखिम बहुत बढ़ जाता है; सिगरेट छोड़ने से कैंसर का खतरा आधा तक कम हो सकता है। साथ ही हवा में ज़्यादा प्रदूषण वाले इलाकों में काम करने वालों को मास्क पहनना और नियमित व्यायाम करना मददगार रहता है।

रोकथाम के लिए सबसे प्रभावी कदम धूम्रपान न करना, शराब का सेवन सीमित रखना और ताज़ा फल‑सब्ज़ियां खाकर पोषण पूरा करना हैं। अगर आपके परिवार में कैंसर की पृष्ठभूमि है तो डॉक्टर से जल्दी स्क्रीनिंग करवाना फायदेमंद रहेगा।

एक बार कैंसर पहचान हो जाने पर कई इलाज के विकल्प उपलब्ध होते हैं। शुरुआती चरण में सर्जरी सबसे कारगर होती है, जिससे ट्यूमर को हटाया जा सकता है। अगर रोग आगे बढ़ चुका है तो कीमोथेरपी, रेडिएशन थैरेपी या इम्यूनोथेरेपी का प्रयोग किया जाता है। आजकल डॉक्टर व्यक्तिगत जीन प्रोफ़ाइल के आधार पर दवाएं चुनते हैं, जिससे उपचार अधिक असरदार हो रहा है।

साथ ही जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। धूम्रपान छोड़ने के बाद कई लोग अपने फेफ़ड़े की कार्यक्षमता को सुधारने के लिए योग और गहरी श्वास अभ्यास करते हैं। डॉक्टर नियमित फ़ॉलो‑अप और रक्त जांच की सलाह देते हैं ताकि दवा या उपचार का असर देख सकें और जरूरत पड़ने पर योजना बदल सकें।

समाप्ति में, फेफ़ड़ों का कैंसर डरावना लगता है, लेकिन शुरुआती पहचान और सही इलाज से कई मामलों को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। अगर आपको ऊपर बताए लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, क्योंकि देर करने से रोग आगे बढ़ सकता है। याद रखें—स्वस्थ जीवनशैली ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।

वर्ल्ड नो टोबैको डे 2024: तंबाकू के सेवन से जुड़ी उच्च रक्तचाप, फेफड़ों का कैंसर और अन्य जोखिम 31 मई 2024
Avinash Kumar 0 टिप्पणि

वर्ल्ड नो टोबैको डे 2024: तंबाकू के सेवन से जुड़ी उच्च रक्तचाप, फेफड़ों का कैंसर और अन्य जोखिम

31 मई को मनाए जाने वाला वर्ल्ड नो टोबैको डे तंबाकू सेवन से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को उजागर करता है। तंबाकू का सेवन विभिन्न निवार्य रोगों और मौतों का कारण बनता है। तंबाकू उत्पादों का उपयोग करने से फेफड़े, हृदय और प्रजनन प्रणाली पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करना और तंबाकू उपयोग को रोकने के लिए नीतियों का समर्थन करना है।

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