Brigade Hotel Ventures IPO: निवेशकों ने दिखाया भरोसा, GMP शून्य होने के बावजूद 1.67 गुना सब्सक्रिप्शन 29 जुल॰,2025

GMP शून्य पर भी बंपर सब्सक्रिप्शन: निवेशकों की अटूट रुचि

Brigade Hotel Ventures के IPO ने बाजार की उम्मीदों को नया रंग दिया है। 28 जुलाई 2025 को बंद हुए इस ऑफर में निवेशकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जबकि ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) अंत में घटकर ₹0 पहुंच गया। आमतौर पर GMP किसी IPO की शुरुआती डिमांड और संभावित लिस्टिंग गेन का इशारा करता है। इस बार GMP गिरने से निवेशकों की चाल को लेकर संशय था, लेकिन सब्सक्रिप्शन आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे हैं।

₹85 से ₹90 प्रति शेयर के प्राइस बैंड में खुले इस IPO में कंपनी ने 8.44 करोड़ नए शेयर जारी किए थे। इसमें एक लॉट का साइज 166 शेयर (न्यूनतम निवेश ₹14,940) रखा गया। उम्मीद थी कि GMP के कारण निवेशक सतर्क रहेंगे, पर IPO को 1.67 गुना सब्सक्रिप्शन मिला — यह दिखाता है कि निवेशकों को Brigade Hotel Ventures IPO और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर दोनों पर विश्वास कायम है।

फंड्स का इस्तेमाल: कर्ज चुकाना और नए होटल्स की तैयारी

IPO से जुटाई गई पूंजी का बड़ा हिस्सा, ₹468 करोड़ यानी करीब 62%, पुराने कर्ज निपटाने में लगाया जाएगा। इससे कंपनी के वर्किंग कैपिटल और ऑपरेशनल खर्च में राहत मिलेगी। करीब ₹107 करोड़ नए विस्तार पर खर्च किए जाएंगे — यानी चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और केरल के वैइकोंम में नई होटल प्रॉपर्टीज तैयार होंगी। खास बात यह है कि केरल में जो जमीन खरीदी जा रही है, वह भी ब्रिगेड एंटरप्राइजेज (BEL) की एक सब्सिडियरी BHVL से खरीदी जाएगी। बाकी पूंजी ग्रोथ इनीशिएटिव्स और जनरल कॉरपोरेट कामों के लिए सुरक्षित रखी गई है।

कंपनी का बिजनेस मॉडल बाकी होटल कंपनियों से थोड़ा अलग है। ब्रिगेड होटल वेंचर्स खुद होटल संपत्तियों की मालिक है और उन्हें मैरियट, एक्कॉर जैसी इंटरनेशनल चेन को लीज पर देती है। इस तरह, कंपनी मार्केट डिमांड वाले साउथ इंडिया के शहरों में फोकस करती है जहां ब्रांडेड होटल रूम्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है।

हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में कोविड के बाद रिकवरी दिखी है और प्रीमियम होटल्स की बुकिंग भी तेज हो गई है। ऐसे में निवेशकों को इस आईपीओ में भविष्य की ग्रोथ की उम्मीद नजर आयी। हालांकि बाजार में उतार-चढ़ाव और होटल सेक्टर की संवेदनशीलता हमेशा बनी रहती है, इसलिए रिस्क भी कम नहीं है।

अब सबकी निगाहें 31 जुलाई पर टिकी हैं, जब शेयर BSE और NSE पर डेब्यू करेंगे। निवेशक यह देखना चाहते हैं कि मजबूत सब्सक्रिप्शन के आंकड़े GMP में गिरावट के बावजूद लिस्टिंग पर कोई बड़ा रिटर्न दिला पाएंगे या नहीं। हॉस्पिटैलिटी और शेयर बाजार दोनों सेक्टर की धड़कनें फिलहाल इसी एक सवाल पर टिकी हैं।