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जुल॰,2025
Brigade Hotel Ventures के IPO ने बाजार की उम्मीदों को नया रंग दिया है। 28 जुलाई 2025 को बंद हुए इस ऑफर में निवेशकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जबकि ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) अंत में घटकर ₹0 पहुंच गया। आमतौर पर GMP किसी IPO की शुरुआती डिमांड और संभावित लिस्टिंग गेन का इशारा करता है। इस बार GMP गिरने से निवेशकों की चाल को लेकर संशय था, लेकिन सब्सक्रिप्शन आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे हैं।
₹85 से ₹90 प्रति शेयर के प्राइस बैंड में खुले इस IPO में कंपनी ने 8.44 करोड़ नए शेयर जारी किए थे। इसमें एक लॉट का साइज 166 शेयर (न्यूनतम निवेश ₹14,940) रखा गया। उम्मीद थी कि GMP के कारण निवेशक सतर्क रहेंगे, पर IPO को 1.67 गुना सब्सक्रिप्शन मिला — यह दिखाता है कि निवेशकों को Brigade Hotel Ventures IPO और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर दोनों पर विश्वास कायम है।
IPO से जुटाई गई पूंजी का बड़ा हिस्सा, ₹468 करोड़ यानी करीब 62%, पुराने कर्ज निपटाने में लगाया जाएगा। इससे कंपनी के वर्किंग कैपिटल और ऑपरेशनल खर्च में राहत मिलेगी। करीब ₹107 करोड़ नए विस्तार पर खर्च किए जाएंगे — यानी चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और केरल के वैइकोंम में नई होटल प्रॉपर्टीज तैयार होंगी। खास बात यह है कि केरल में जो जमीन खरीदी जा रही है, वह भी ब्रिगेड एंटरप्राइजेज (BEL) की एक सब्सिडियरी BHVL से खरीदी जाएगी। बाकी पूंजी ग्रोथ इनीशिएटिव्स और जनरल कॉरपोरेट कामों के लिए सुरक्षित रखी गई है।
कंपनी का बिजनेस मॉडल बाकी होटल कंपनियों से थोड़ा अलग है। ब्रिगेड होटल वेंचर्स खुद होटल संपत्तियों की मालिक है और उन्हें मैरियट, एक्कॉर जैसी इंटरनेशनल चेन को लीज पर देती है। इस तरह, कंपनी मार्केट डिमांड वाले साउथ इंडिया के शहरों में फोकस करती है जहां ब्रांडेड होटल रूम्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है।
हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में कोविड के बाद रिकवरी दिखी है और प्रीमियम होटल्स की बुकिंग भी तेज हो गई है। ऐसे में निवेशकों को इस आईपीओ में भविष्य की ग्रोथ की उम्मीद नजर आयी। हालांकि बाजार में उतार-चढ़ाव और होटल सेक्टर की संवेदनशीलता हमेशा बनी रहती है, इसलिए रिस्क भी कम नहीं है।
अब सबकी निगाहें 31 जुलाई पर टिकी हैं, जब शेयर BSE और NSE पर डेब्यू करेंगे। निवेशक यह देखना चाहते हैं कि मजबूत सब्सक्रिप्शन के आंकड़े GMP में गिरावट के बावजूद लिस्टिंग पर कोई बड़ा रिटर्न दिला पाएंगे या नहीं। हॉस्पिटैलिटी और शेयर बाजार दोनों सेक्टर की धड़कनें फिलहाल इसी एक सवाल पर टिकी हैं।
ये GMP शून्य हुआ तो भी 1.67x सब्सक्रिप्शन? भाई ये तो ब्रिगेड का ब्रांड ही काम कर रहा है ना! जिसने भी इसमें पैसा डाला वो अपनी जेब से नहीं बल्कि देश के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के भविष्य में भरोसा डाल रहा है। बाकी जो लोग GMP देखकर भाग रहे थे वो तो बस एक नंबर पर भरोसा करते हैं बाकी कुछ नहीं समझते।
ये सब बहुत अच्छा लग रहा है पर आपने कभी सोचा कि ये जमीन जो ब्रिगेड एंटरप्राइजेज से खरीदी जा रही है उसमें क्या छिपा हुआ है शायद ये सब एक बड़ा फैंसी लेन-देन है जिसमें कर्ज चुकाने का बहाना बनाया गया है और निवेशकों को बेवकूफ बनाया जा रहा है
अरे वाह! ये तो बहुत अच्छी बात है... यानी GMP शून्य हुआ लेकिन निवेशकों ने भरोसा दिखाया... ये तो बहुत अच्छा लगा... ब्रिगेड तो हमेशा से ही अच्छी कंपनी रही है... और हाँ, केरल में नया होटल बन रहा है... वैकोम तो बहुत सुंदर जगह है... बहुत बढ़िया... और मार्केट में ऐसे अच्छे निवेश जरूरी हैं... बहुत बढ़िया...
जब तक दिल में भरोसा होता है तब तक GMP शून्य हो या 100, कोई फर्क नहीं पड़ता। ये IPO बस एक नंबर नहीं, एक विश्वास है। हॉस्पिटैलिटी सेक्टर भारत के भविष्य की धुरी है। ये लोग बस बिल्डिंग नहीं बना रहे, वो अनुभव बना रहे हैं। अगर तुम इसमें नहीं गए तो तुम भारत के बदलते चेहरे को छू नहीं पाए। 💪
GMP शून्य होना और असली डिमांड अलग चीज है। ये बात बहुत दिलचस्प है। शायद निवेशक अब बाजार के शॉर्ट-टर्म इंडिकेटर्स पर नहीं चल रहे। बल्कि बिजनेस मॉडल, एसेट बैकिंग और ग्रोथ प्लान देख रहे हैं। ये एक स्वस्थ बदलाव है। अगर ये ट्रेंड जारी रहा तो बाजार अधिक जागरूक हो जाएगा।
मैंने भी इसमें निवेश किया है 😎 और सच कहूँ तो GMP देखकर मैंने भी सोचा अरे ये तो गिर रहा है... पर जब मैंने कंपनी का फंड यूज देखा तो लगा अच्छा हुआ कि निवेश कर लिया। कर्ज कम होगा, नए होटल बनेंगे, और दक्षिण भारत में ब्रांडेड होटल्स की डिमांड तो बढ़ती ही जा रही है। ये लंबे समय का निवेश है। अगर लिस्टिंग पर 5-10% ऊपर जाए तो तो बस बोनस 😌