सीपीआई (एम) क्या है और क्यों देखना जरूरी है?

सीपीआई यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स, हर महीने हमारे रोज़मर्रा की चीज़ों की औसत कीमतें बताता है। सरकार और RBI इस डेटा को महंगाई मापने के लिए इस्तेमाल करते हैं। अगर आप किराना बिल, गैस या मोबाइल रीचार्ज का खर्च देख रहे हैं तो सीपीआई (एम) आपको बता देगा कि ये खर्च पिछले महीने से बढ़ा है या घटा।

सीपीआई (एम) कैसे निकाला जाता है?

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय 1,000 से अधिक शहरों में 200‑300 आइटम्स के दाम एकत्रित करता है। फिर इन कीमतों को वेटेज़ देकर एक औसत निकालते हैं, जिससे हमें एक नंबर मिलता है – सीपीआई (एम)। अगर इस नंबर में 0.5% की बढ़ोतरी दिखे तो इसका मतलब वही सामान अब थोड़ा महँगा हुआ है।

सीपीआई का आपके बजट पर सीधा असर

जब सीपीआई ऊपर जाता है, तो बैंक अक्सर ब्याज दरें बढ़ाते हैं ताकि इन्फ्लेशन को कंट्रोल किया जा सके। इससे लोन की किस्तें महँगी हो सकती हैं और बचत खाते में मिलने वाला रिटर्न भी बदल सकता है। दूसरी तरफ, अगर कीमतें घटें तो आप रोज़मर्रा के खर्चों पर थोड़ा आराम महसूस करेंगे। इस कारण कई लोग अपने सैलरी नेगोशिएशन या निवेश प्लान बनाते समय सीपीआई (एम) को देखते हैं।

सीपीआई की खबर पढ़ते वक्त ये बात याद रखें कि यह एक औसत है, हर व्यक्ति का अनुभव अलग हो सकता है। अगर आपका रोज़ाना खर्च मुख्यतः किराने के सामान पर है तो आपको कीमतों में छोटी‑छोटी बढ़ोतरी ज़्यादा महसूस होगी। वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स या लक्ज़री आइटम्स की कीमतें स्थिर रह सकती हैं। इसलिए सीपीआई को एक गाइडलाइन मानें, लेकिन अपने व्यक्तिगत खर्चे का भी ध्यान रखें।

सीपीई (एम) से जुड़ी खबरों में अक्सर “इन्फ्लेशन रेट” या “रिटेल प्राइस इंडेक्स” शब्द आते हैं – ये सब एक ही बात के अलग‑अलग पहलू हैं। अगर आप अपने घर का बजट बनाते समय इन आँकड़ों को समझ लेते हैं, तो आप महंगाई से बेहतर तरीके से निपट सकते हैं और अनावश्यक खर्चों पर बचत कर सकते हैं। बस इतना याद रखिए कि हर महीने की रिपोर्ट एक नया संकेत देती है – इसे पढ़ें, समझें और अपने वित्तीय फैसले उसी हिसाब से लें।

सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की आयु में निधन 13 सितंबर 2024
Avinash Kumar 0 टिप्पणि

सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की आयु में निधन

सीताराम येचुरी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद, का 12 सितंबर 2024 को 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका इलाज नई दिल्ली स्थित एम्स में गंभीर श्वास नली संक्रमण के लिए चल रहा था। उनके निधन से सीपीआई (एम) में एक युग का अंत हो गया है।

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