बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को 27 जून को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) से छुट्टी मिल गई है। 96 वर्षीय आडवाणी को 26 जून की रात 10:30 बजे AIIMS के पुराने प्राइवेट वार्ड में भर्ती कराया गया था। उनकी भर्ती का मुख्य कारण उम्र से संबंधित समस्याएं बताई गई हैं।
आडवाणी की देखभाल के लिए विभिन्न विशेषज्ञों की एक टीम तैनात की गई थी, जिसमें उरोलॉजी और जेरियाट्रिक मेडिसिन के डॉक्टर शामिल थे। अनुभवी नेता की उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए डॉक्टरों ने गहन जांच की। इस दौरान उनकी तबीयत में सुधार के लिए एक मामूली चिकित्सा प्रक्रिया भी की गई।
AIIMS के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि आडवाणी को सफल उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। उनके स्वास्थ्य में उम्मीद से सुधार हो रहा है और उन्हें चिकित्सकों द्वारा सलाह दी गई है कि वे नियमित चेकअप कराते रहें।
लाल कृष्ण आडवाणी भारतीय राजनीति के एक प्रमुख स्तंभ रहे हैं। उन्होंने देश की राजनीति में कई अहम भूमिकाएं निभाई हैं और बीते कई वर्षों से वरिष्ठ बीजेपी नेता के रूप में कार्यरत रहे हैं। उनकी तबीयत को लेकर पार्टी के कई नेता और समर्थक चिंतित थे, लेकिन AIIMS से उसकी छुट्टी की खबर से सभी को राहत मिली है।
पार्टी के अन्य सदस्यों और समर्थकों ने भी आडवाणी के स्वस्थ होने की कामना की है और सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं भेजी हैं। उनकी जीवंतता और असाधारण योगदान के कारण आडवाणी को भारतीय राजनीति में एक विशेष स्थान मिला है।
आडवाणी के परिवारजन भी उनके स्वास्थ्य की देखभाल में पूरे समय तत्पर रहें। AIIMS के डॉक्टरों ने सांझा किया कि आडवाणी की सेहत पर लगातार निगरानी रखी जाएगी और भविष्य में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।
लाल कृष्ण आडवाणी का करियर बेहद विविधित और प्रभावशाली रहा है। वह 2002 से 2004 तक भारत के उप-प्रधानमंत्री रहे और उनकी भूमिका बीजेपी को भारतीय राजनीति में मुख्य धारा में लाने में महत्वपूर्ण रही है।
आडवाणी का स्वास्थ्य निश्चित रूप से उनके समर्थकों के लिए चिंता का विषय है, लेकिन AIIMS द्वारा किए गए सटीक उपायों के बाद उनकी स्थिति में सुधार देखा गया है। वरिष्ठ नेताओं और पार्टी के अनुयायों ने इस बात की खुशी जाहिर की है कि आडवाणी अब स्वस्थ हैं और जल्द ही वे सामान्य जीवन जी सकेंगे।
अब उनकी वृद्धि उम्र को देखते हुए अतिरिक्त सावधानी और निरंतर चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होगी। लेकिन इस उम्र में भी, आडवाणी की ऊर्जा और उत्साह ने कई लोगों को प्रेरित किया है और आगे भी करेगी।
लाल कृष्ण आडवाणी की जीवटता और अडिग धैर्य उनकी असली पहचान है। उनके स्वास्थ्य की निरंतर ख्याल रखना न केवल परिवार बल्कि पार्टी और समर्थकों के लिए भी प्राथमिकता है।
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