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जून,2024
नेटफ्लिक्स की प्रमुख टीवी सीरीज 'ब्रिजर्टन' का तीसरा सीजन अब अपने दूसरे भाग में प्रवेश कर चुका है। लेकिन दुर्भाग्यवश, यह ऐसा लगता है कि यह सीजन फैंस की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पा रहा है। रोमांस और ड्रामे से भरी इस कहानी की नई किस्त में बहुत कुछ होता है, परंतु यह देखने में कितना रोचक है, यही सवाल है।
कहानी का आरंभ पिनेलोप (जो निकोला कॉफ्लान ने निभाई है) और कॉलिन (ल्यूक न्यूटन) की सगाई की घोषणा से होता है। यह सगाई ब्रिजर्टन परिवार में संदेह और उलझनों को जन्म देती है, जिसमें एलोइज (क्लॉडिया जेसी) की प्रतिक्रिया विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो इस रिश्ते से नाराज और अचंभित होती है। वह इस सगाई को एक त्रासदी मानती है।
सीरीज की केंद्रीय कन्फ्लिक्ट पिनेलोप की गुप्त पहचान लेडी व्हिसलडाउन के रूप में उभरती है, जिसे वह अब तक कॉलिन से छिपाती आ रही है। इस राज को उजागर करने का सीजन 3 सबसे रोमांचक हिस्सा हो सकता था, लेकिन कन्फ्लिक्ट के समाधान की मार्ग स्थिति और ट्विस्ट की कमी से इसे कमजोर बना दिया है। जब राजा एक बड़ी राशि का इनाम घोषित करते हैं लेडी व्हिसलडाउन की पहचान के लिए, तो क्रेसिडा कॉपर (जेसिका मैडसेन) पिनेलोप को बेनकाब करने का प्रयास करती है।
एलोइज और पिनेलोप के बीच का टकराव गहरा और जटिल हो जाता है, जब एलोइज धमकी देती है कि यदि पिनेलोप खुद अपने राज का खुलासा नहीं करती है, तो वह इसे सभी के सामने ले आएगी। यह धमकी और इनाम की घोषणा कहानी में ताजगी भर सकती थी, लेकिन यह तमाम मोड़ भी किसी तरह की स्फूर्ति और तेजी की कमी से ग्रस्त हैं।
कहानी में कुछ प्री-मैरिटैल संबंधों का भी चित्रण किया गया है, विशेष रूप से पिनेलोप और कॉलिन के बीच। लेकिन नाटक और रोमांच के स्तर पर यह दर्शकों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाता। प्रेम संबंधों का अजीब और पीजी-स्तरीय चित्रण दर्शकों को निराश कर सकता है, खासकर ब्रिजर्टन जैसी सीरीज से यह उम्मीद की जाती है कि यह प्रेम और संबंधों की सघनता को पूरी संजीदगी से दिखाएगा। लेकिन यहाँ यह कमी खलती है।
| पात्र का नाम | भूमिका |
|---|---|
| पिनेलोप | लेडी व्हिसलडाउन के रूप में गुप्त जीवन |
| कॉलिन | पिनेलोप से सगाई |
| एलोइज | पिनेलोप के राज को उजागर करने की धमकी देती हैं |
| क्रेसिडा कॉपर | पिनेलोप को बेनकाब करने का प्रयास करती हैं |
हालांकि, किसी बात का बखान करना गलत नहीं होगा, और वो सीरीज के परिधान और सेट डिजाइन हैं। हर बार की तरह इस बार भी पारिवारिक नाइटम हॉल्स में भव्यता, रोशनी और विशिष्ट फैशन ने दर्शकों को प्रभावित किया है। लेकिन क्या केवल भव्यता ही एक शो को सफल बनाती है? शायद नहीं।
समीक्षा के बाद यह सवाल खड़ा होता है कि क्या 'ब्रिजर्टन' ने अपने प्रशंसकों को निराश किया है? सीरीज के कुछ पहलू आज भी आकर्षक हैं, लेकिन कहानी की तह में जाने पर यह महसूस होता है कि किरदारों की गहराई और उनकी भावनाओं का सही चित्रण गायब है। यह देखने वाली बात होगी कि सीजन 4 क्या इस खाई को भर पाएगा? अब वक्त आ गया है कि मकेर इस बात पर गंभीरता से विचार करें कि कहानी और किरदारों को कैसे और ज्यादा सजीव और सजीवता से दिखाया जाए।
'ब्रिजर्टन' का एक और महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि यह सीरीज समाज और वक्त के प्रभाव को बखूबी दिखाती है। पुराने जमाने की पारिवारिक परंपराएँ, संघर्ष, और सामाजिक मुद्दे यह सब आज भी प्रासंगिक हैं। ऐसे ही समाज को ध्यान में रखकर बनाई गई कहानियाँ दर्शकों को आकर्षित करती हैं, और यही वजह है कि 'ब्रिजर्टन' कई दिलों पर राज करता आया है।
अंत में, 'ब्रिजर्टन' सीजन 3 का यह दूसरा भाग अपने संग काफी उम्मीदें लाया था, परंतु कुछ कमजोरियों की वजह से दर्शकों को पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाया। प्रेम, साजिश, और गुप्त जीवन की यह कहानी एक बार फिर से हमारी बेसब्री को आँखों में चमक देते हुए छोड़ जाती है। देखते हैं आगे 'ब्रिजर्टन' की कहानी हमें किस दिशा में ले जाती है।
बोरिंग। अब तो बस देखने का मन नहीं करता।
यार भाई, इस सीजन में तो पिनेलोप का किरदार बिल्कुल फ्लैट है, जैसे किसी ने उसकी आत्मा को निकाल दिया हो। लेकिन ड्रेसेस? ओहो! वो तो फिल्म का असली हीरो हैं। 😎
मुझे लगता है कि ये सीजन बस इसलिए बनाया गया कि नेटफ्लिक्स के शेयरहोल्डर्स को एक और कॉन्ट्रैक्ट मिल जाए, क्योंकि कहानी तो बिल्कुल खालीपन भरी हुई है, जैसे कोई टेम्पलेट से कॉपी-पेस्ट कर दिया हो। कॉलिन का रोमांस? एक बच्चे का नाटक। एलोइज का गुस्सा? बिना कारण का ड्रामा। और लेडी व्हिसलडाउन का राज? जिसे तो पहले से ही हर कोई जानता था, लेकिन लिखने वालों ने इसे एक बड़ा ट्विस्ट बना दिया, जैसे कोई गलती करके उसे गोल्डन ट्रॉफी दे देता। अब तो मैं ब्रिजर्टन के लिए अपना बिल्डिंग बेच दूंगा, वरना इसकी नींव खुद ही गिर जाएगी।
क्या हम वास्तव में एक शो को उसके विषय-वस्तु के लिए ही नहीं, बल्कि उसकी भावनात्मक गहराई के लिए देखते हैं? यदि एक कहानी के भीतर चरित्रों की आंतरिक लड़ाई नहीं है, तो उसकी बाहरी भव्यता क्या अर्थ रखती है? ब्रिजर्टन का यह सीजन एक ऐसा नाटक है, जिसके लिए रंग-बिरंगे कपड़े तो हैं, लेकिन दिल नहीं। और यही वह जगह है, जहाँ हमें रुकना चाहिए।
मुझे तो लगता है कि ये सीजन बस इतना ही कहता है कि 'हम अभी भी यहाँ हैं' 😅 और ये बात बिल्कुल सही है! लेकिन अगर तुम रोमांस चाहते हो, तो अपने घर के बाहर जाओ - वहाँ भी कुछ हो रहा है! 🌹
हमारे देश में ऐसी शोज़ को बनाने का तो कोई मतलब ही नहीं! ये सब ब्रिटिश लोगों का गुमान है, जो अपनी ज़माने की बातें दुनिया को बेच रहे हैं। हमारे यहाँ तो असली ड्रामा है - आधार योजना, नेता के बयान, और टीवी पर बच्चों के लिए जंक फूड के विज्ञापन! ये ब्रिजर्टन? बस एक खेल है, जिसमें कोई नहीं जीतता!
मैंने तो इस सीजन को देखकर बहुत अच्छा महसूस किया। शायद ये ज्यादा उत्साहित नहीं था, लेकिन इसमें एक शांत गहराई थी। जैसे कोई धीमी बारिश... जिसे तुम बस सुनो और अपने अंदर घुल जाओ। शायद ये वो शो है जिसे तुम्हें बार-बार देखना चाहिए, न कि एक बार में खत्म करना।
अरे भाई, तुम सब यहाँ बस इतना ही बोल रहे हो कि 'रोमांस कम है'... पर क्या तुमने कभी सोचा कि शायद ये शो अब रोमांस नहीं, बल्कि व्यक्तित्व की खोज है? अगर तुम इसे बस एक रोमांटिक ड्रामा समझते हो, तो तुम गलत जगह पर खड़े हो।
इस सीजन की एकमात्र बात जो मुझे पसंद आई, वो थी कि पिनेलोप के चरित्र को इतना अनदेखा कर दिया गया, जैसे वो एक बैकग्राउंड चरित्र थी। ये वाकई एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि है - एक ऐसी चरित्र जिसे दर्शक भूल जाएं।
ये शो अब बस एक फैशन शो बन गया है। लेडी व्हिसलडाउन? अब तो वो बस एक ट्रेंड है - जैसे आजकल के लोग अपने घरों में विक्टोरियन फर्नीचर लगाते हैं। कोई जानता ही नहीं कि वो क्यों हैं, बस वो दिखते हैं।
यहाँ तक कि जब भी एलोइज बोलती है, तो मैं एक अलग तरह की शांति महसूस करता हूँ - जैसे कोई अपने आंतरिक दर्द को बिना चिल्लाए व्यक्त कर रहा हो। ये शो किसी ने नहीं बनाया, ये तो एक आत्मा का बयान है। और जब तक हम इसे सिर्फ एक शो के रूप में देखेंगे, तब तक हम इसकी गहराई को नहीं समझ पाएंगे।
मैंने तो इसे देखा नहीं... लेकिन मुझे लगता है कि ये सब बहुत ज्यादा अच्छा है... वैसे भी, ब्रिजर्टन का जो भी दिखे, वो अच्छा ही होता है... अरे वाह, ये तो बहुत अच्छा है 😍
क्या आपने कभी सोचा है कि जब पिनेलोप ने अपना राज छिपाया, तो क्या वो सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक पूरे समाज का प्रतीक थी? जिसकी आवाज़ दबा दी गई, और जिसकी चिंता एक इनाम के रूप में बेच दी गई? ये शो एक अल्पसंख्यक की आत्मा का अभिनय है।
ये सीजन बिल्कुल वैसा ही है जैसे आपका दोस्त जो बार-बार एक ही कहानी दोहराता है। बस इस बार उसने थोड़ा अलग कपड़ा पहन लिया है।
अगर तुम्हें लगता है कि ये सीजन कमजोर है, तो शायद तुम अभी तक इसकी गहराई को नहीं समझ पाए हो। ब्रिजर्टन अभी भी एक अद्भुत शो है। बस थोड़ा धैर्य रखो। अगला सीजन तुम्हें रोमांचित कर देगा। 💪
यहाँ तक कि इसकी विषय-वस्तु भी एक विशिष्ट सामाजिक रूपरेखा का प्रतिबिंब है - जिसमें नारी की आवाज़ एक रहस्य के रूप में छिपाई जाती है, और उसकी असली पहचान एक बाहरी नियम द्वारा निर्धारित होती है। यह एक ऐसा शो है जो समाज के अंतर्निहित दबाव को दर्शाता है।
ये सब ब्रिटिश लोगों की चीज़ है। हमारे यहाँ तो असली ड्रामा है - बिजली का बंद होना, बस का देर से आना, और जब तुम घर पर बैठे हो तो तुम्हारी माँ तुम्हें ब्लूटूथ से बात करती है। ये ब्रिजर्टन? बस एक खेल है।
मुझे लगता है, कि शो को बहुत सारे लोग गलत तरीके से समझ रहे हैं। यह एक रोमांटिक ड्रामा नहीं है। यह एक अध्ययन है - एक अनुभव है। और अगर तुम इसे तुरंत नहीं समझ पाए, तो इसका मतलब यह नहीं है कि यह खराब है।
तुम सब बस इतना ही बोल रहे हो कि 'कहानी कमजोर है'... लेकिन क्या तुमने कभी सोचा कि शायद ये शो अब बस इसलिए बनाया गया है कि तुम इसे देखो और बोर हो जाओ - ताकि तुम अपने जीवन को देखो?