धुरंधर का एंडिंग: हमजा की मौत? फिल्म ने छोड़ा क्लिफहैंगर, सीजन 2 की घोषणा 6 दिस॰,2025

रणवीर सिंह की एक्शन-स्पाई फिल्म धुरंधर ने 5 दिसंबर, 2025 को दुनिया भर में प्रदर्शित होकर सिनेमाघरों को तूफान ला दिया। लेकिन जो लोग आशा करते थे कि फिल्म का अंत एक साफ जीत या न्याय के साथ होगा, वे चौंक गए। फिल्म का अंत एक ऐसे क्लिफहैंगर पर टिका हुआ है जिसने दर्शकों को अपनी जगह पर ठिठका दिया — और फिर एंड क्रेडिट्स के बाद एक छोटा सा टेक्स्ट दिखाया गया: धुरंधर पार्ट 2 — 19 मार्च, 2026।

क्या हुआ था हमजा के साथ?

रणवीर सिंह ने अपने किरदार हमजा को एक ऐसे युवा के रूप में उकेरा जो जेल से निकलकर पाकिस्तान के कराची के अंधेरे अपराधी दुनिया में घुस गया। उसका मिशन? एक आतंकी नेटवर्क को तबाह करना, जिसकी जड़ें भारत के इतिहास के कुछ सबसे खौफनाक घटनाओं — आईसी-814 कांधार हिजिंग और 2001 के संसद हमले — से जुड़ी हुई थीं। फिल्म का अंत तब आता है जब हमजा, जो अब एक अहम आतंकवादी नेता के नजदीक पहुंच चुका है, उसके अपने बॉस के सामने खड़ा होता है। वह एक गोली चलाता है। लेकिन किसकी? फिल्म दिखाती है कि गोली लगती है... लेकिन फिर कट हो जाती है। एक खून से लथपथ हाथ दिखता है। फिर अंधेरा।

यही नहीं, एंड क्रेडिट्स के बाद एक छोटा सा दृश्य दिखाया गया: एक अज्ञात व्यक्ति एक फोन पर बोल रहा है — "हमजा अभी जिंदा है। और वो जानता है कि कौन असली ट्रेचर है।" फिर फोन बंद हो जाता है। ये दृश्य बिल्कुल ऐसा है जैसे एक नया विरोधी पेश किया जा रहा हो। और जो लोग रणवीर की भूमिका को एक साधारण एजेंट समझते थे, वे अब जानते हैं — हमजा कभी नहीं था कोई आम इंसान। वो एक विस्फोटक था। और अब वो अपने आप को भी नहीं जानता।

बॉक्स ऑफिस पर तूफान, पर डिजिटल चोरी का खतरा

फिल्म का ओपनिंग डे दो अलग-अलग आंकड़ों के साथ रिपोर्ट किया गया। बॉलीवुड हंगामा के अनुसार, ये 28.60 करोड़ रुपये था, जिससे ये 2025 का तीसरा सबसे बड़ा ओपनिंग बन गया। वहीं, बॉलीवुडशादिस ने 15.81 करोड़ का आंकड़ा दिया, जो चौथे स्थान पर आता है। ये अंतर क्यों? एक बात स्पष्ट है — लोग थिएटर में आए। भले ही फिल्म की लंबाई 3 घंटे 34 मिनट हो, लेकिन दर्शकों ने बैठकर देखा।

लेकिन एक बड़ी चिंता है। फिल्म के रिलीज होते ही, उसकी अनधिकृत कॉपी ऑनलाइन फैल गई। न्यूज18 और टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, 240p से लेकर 1080p तक की क्वालिटी में फिल्म डाउनलोड की जा रही थी। ये न सिर्फ बॉक्स ऑफिस को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि निर्माताओं के लिए एक बड़ा संकेत है कि डिजिटल सुरक्षा अभी भी एक बड़ी चुनौती है।

एक्टिंग और सामाजिक भारत का दर्पण

रणवीर सिंह ने हमजा को एक ऐसा किरदार बनाया जो बाहर से तो एक गुंडा लगता है, लेकिन अंदर से एक ऐसा व्यक्ति है जिसके जीवन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बलिदान किया गया। उसके साथ र. माधवन ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ अजय सान्याल का किरदार निभाया — एक ऐसा आदमी जो न्याय और राष्ट्र के बीच अपनी धारणा बदलता रहता है।

लेकिन असली सरप्राइज था अक्षये खन्ना। उनकी छोटी सी भूमिका ने फिल्म को एक गहराई दी। उनके एक दृश्य में वो बस एक चाय पी रहे हैं, लेकिन उनकी आंखों में एक अनसुलझा दर्द है। इस भूमिका के बाद, फैंस ने 2025 को "अक्षये खन्ना का साल" घोषित कर दिया — क्योंकि उन्होंने इसके अलावा छावा में भी एक अद्भुत प्रदर्शन किया।

क्यों इतना लंबा समय? और क्यों 'A' सर्टिफिकेट?

क्यों इतना लंबा समय? और क्यों 'A' सर्टिफिकेट?

सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने फिल्म को 'A' सर्टिफिकेट दिया — न केवल तीव्र हिंसा के कारण, बल्कि इसलिए कि ये भारत के इतिहास की ऐसी घटनाओं को दर्शाती है जिनके बारे में अभी तक कोई फिल्म खुलकर नहीं बोली थी। आईसी-814 कांधार हिजिंग, ओपरेशन ल्यारी, संसद हमला — ये सब वास्तविक घटनाएं हैं। और फिल्म उन्हें एक नाटकीय ढंग से दिखाती है, बिना किसी राष्ट्रीय भावना को ठेस पहुंचाए।

फिल्म की लंबाई 214 मिनट है। ये लंबा है? हां। लेकिन ये लंबाई एक जरूरत थी। ये एक ऐसी कहानी है जिसमें एक आदमी का अपने आप से टकराव होता है। उसकी यादें, उसकी भूलें, उसकी शक्तियां — सब कुछ धीरे-धीरे खुलता है। अगर ये 120 मिनट की फिल्म होती, तो ये बस एक एक्शन फिल्म बन जाती।

अगला कदम: धुरंधर पार्ट 2 क्या लाएगा?

19 मार्च, 2026 को धुरंधर पार्ट 2 रिलीज होने वाला है। ये दिन यश की फिल्म टॉक्सिक के साथ टकराएगा। दो बड़े एक्शन फ्रैंचाइज़ी एक ही दिन आ रहे हैं। इसका मतलब? बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ा युद्ध।

लेकिन दर्शकों की उम्मीदें अब बहुत बड़ी हैं। क्यों? क्योंकि पार्ट 1 ने बस शुरुआत की है। अब सवाल ये है: क्या हमजा असली ट्रेचर है? क्या अजय सान्याल ने उसे बर्बाद करने के लिए बनाया था? और क्या वो फोन कॉल जिसमें कहा गया — "हमजा अभी जिंदा है" — वो असली है या फिर एक धोखा?

अगर पार्ट 2 इसी तरह गहराई लाता है, तो ये भारतीय सिनेमा का एक नया मानक बन सकता है। न सिर्फ एक्शन का, बल्कि एक ऐसे नाटक का जो राष्ट्र के नाम पर किए गए बलिदानों को दर्शाता है — बिना भावुकता के, बिना नाराजगी के।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

धुरंधर का एंडिंग क्या साबित करता है?

धुरंधर का एंडिंग साबित करता है कि हमजा कभी एक साधारण एजेंट नहीं था — वो एक बलिदान था, जिसे अपने आप को भूलने के लिए बनाया गया। एंड क्रेडिट्स का वो फोन कॉल यह दर्शाता है कि उसकी जानकारी किसी और के हाथ में है, जो शायद उसके अपने नेटवर्क का हिस्सा है। यह एक नए विरोधी की शुरुआत है, जो भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अंदर ही छिपा है।

क्या धुरंधर पार्ट 2 के लिए रणवीर सिंह वापस आएंगे?

हां, रणवीर सिंह पार्ट 2 में वापस आ रहे हैं। निर्माता जियो स्टूडियोज ने अभी तक इसकी औपचारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन फिल्म के एंड क्रेडिट्स और अंतिम दृश्य के संकेतों से यह स्पष्ट है कि हमजा की कहानी अधूरी है। रणवीर ने इंटरव्यू में कहा था कि वो "एक ऐसे किरदार के साथ जुड़ गए हैं जो बस एक फिल्म में नहीं, बल्कि एक अनुक्रम में रहेगा।"

धुरंधर का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कितना होगा?

अगर शब्द-बात अच्छी रही, तो फिल्म 100 करोड़ रुपये के पार जा सकती है। ओपनिंग डे के आंकड़े अलग-अलग हैं, लेकिन शुरुआती दर्शकों की प्रतिक्रिया अत्यधिक सकारात्मक है। बॉलीवुड हंगामा के अनुसार, फिल्म का वीकेंड कलेक्शन 80-90 करोड़ के आसपास हो सकता है, और पार्ट 2 के लिए तैयारी शुरू हो चुकी है।

क्यों फिल्म को 'A' सर्टिफिकेट मिला?

फिल्म को 'A' सर्टिफिकेट इसलिए मिला क्योंकि इसमें भारत के इतिहास की वास्तविक घटनाओं — आईसी-814 हिजिंग, 2001 का संसद हमला, और ओपरेशन ल्यारी — का विस्तृत चित्रण है। सीबीएफसी ने इन घटनाओं के लिए एक संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया, लेकिन फिल्म के विषय के गंभीरता के कारण युवा दर्शकों के लिए अनुपयुक्त ठहराया।

क्या धुरंधर पार्ट 2 के लिए नए किरदार आएंगे?

हां, पार्ट 2 में एक नया खतरनाक विरोधी दिखाया जाएगा, जो भारतीय इंटेलिजेंस के अंदर ही छिपा है। अक्षये खन्ना की भूमिका के बारे में अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन उनके दृश्यों में छिपे संकेतों से लगता है कि वो एक ऐसे व्यक्ति का किरदार निभा रहे हैं जो हमजा को बनाया गया था। ये एक नए ट्विस्ट की शुरुआत है।

क्या धुरंधर की फिल्म वास्तविक घटनाओं पर आधारित है?

धुरंधर कहानी काल्पनिक है, लेकिन इसके पृष्ठभूमि में वास्तविक घटनाएं हैं। आईसी-814, संसद हमला, ओपरेशन ल्यारी — ये सब वास्तविक घटनाएं हैं। फिल्म इन घटनाओं के वास्तविक प्रभावों को दर्शाती है, लेकिन किरदार और घटनाएं काल्पनिक हैं। ये एक विचार है, न कि एक दस्तावेज।