नववर्ष में सोना 930 रुपये गिरा, चांदी 1.40 लाख पर टिकी – 25 सितंबर 2025 29 सित॰,2025

जब अंकित कुमार, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश सोने-चांदी ट्रेडर्स एसोसिएशन ने 25 सितंबर 2025 को घोषित किया कि लखनऊ में सोने की कीमत 10 ग्राम के हिसाब से ₹730 घट गई, तो वाराणसी और मीरुत में गिरावट ₹930 तक पहुंची, तो यह खबर बाजार में हलचल मचा दी। इस कीमत‑कम होने का असर खासकर नववर्ष (नवविधि) उत्सव के दौरान धन‑संपत्ति की ख़रीद‑फरोख्त में साफ़ तौर पर दिखा, क्योंकि इस समय ग्राहक आमतौर पर सोने‑चांदी की खरीदारी बढ़ाते हैं। जबकि चांदी का दाम लगभग ₹1,40,000 प्रति किलोग्राम पर ही टिके रहे, इस स्थिरता ने खरीदारों को थोड़ा‑बहुत आराम दिया।

नवविधि उत्सव के दौरान सोने‑चांदी के दामों का पृष्ठभूमि

नवविधि, जिसका आधिकारिक नाम नवविधि उत्सवउत्तर प्रदेश है, इस साल राज्य के कई शहरों में धूमधाम से मनाया गया। जहाँ आम तौर पर सोने‑चांदी की मांग में 15‑20 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी जाती है, वहीं इस बार बाजार में कुछ नए संकेत मिले। पिछले दो हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय वैधन बाजार में डॉलर की कीमत में हल्की गिरावट और भारत में आयात शुल्क में मामूली कटौती ने ही नहीं, बल्कि घरेलू निवेशकों की जोखिम‑भेज़ी रणनीतियों ने भी इस बदलाव को प्रभावित किया।

वर्तमान कीमतों का विस्तृत विवरण

25 सितंबर को अलग‑अलग शहरों में दर्ज कीमतें इस प्रकार थीं:

  • लखनऊ: सोना 10 ग्राम – ₹1,15,500 (₹730 गिरावट)
  • वाराणसी: सोना 10 ग्राम – ₹1,14,570 (₹1,030 गिरावट)
  • मीरुत: सोना 10 ग्राम – ₹1,14,300 (₹1,200 गिरावट)
  • दिल्ली, जयपुर, नोएडा, गाज़ीअाबाद (गौण क्षेत्रों): 10 ग्राम – लगभग ₹1,15,500 (₹600‑₹800 गिरावट)
  • सभी प्रमुख बाजार: चांदी 1 किलोग्राम – ₹1,39,900 (₹100 गिरावट)

ध्यान देने योग्य बात यह है कि सोने की कीमतों में गिरावट की सीमा शहर‑दर‑शहर भिन्न थी, जो स्थानीय डीलर मार्जिन और ट्रांसपोर्ट लागत के अंतर को दर्शाती है। चांदी के दाम में केवल मामूली गिरावट ने बाजार में दोहरे सुधार का संकेत दिया – सोना टनिक, चांदी स्थिर।

बाजार विशेषज्ञों की राय

इंडियन ज्वेलर्स असोसिएशन (इंडियन ज्वेलर्स असोसिएशन) के वरिष्ठ विश्लेषक रीता सिंह, सीनियर एनालिस्ट ने कहा, "सोने में अचानक गिरावट अक्सर अस्थायी होती है, परंतु यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता बनी रहती है तो इस सुधार को आगे बढ़ते देखना संभव है।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि चांदी के दाम में स्थिरता संकेत देती है कि औद्योगिक मांग, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में, अभी भी मजबूत है।

किसान बाजार में काम करने वाले छोटे व्यापारी, जैसे ग़ौतम (बाजार में लोकप्रिय) ने साझा किया कि ग्राहक अब थोड़ी देर से आए हैं, लेकिन दर घटने से “खरीदारों की भीड़” फिर से बढ़ेगी। उन लोगों के लिए जो महंगे जड़ाऊ ज्वेलरी की बचत कर रहे थे, यह एक सुनहरा अवसर लग रहा है।

उपभोक्ताओं पर प्रभाव और खरीदारी प्रवृत्ति

बजट‑जागरूक खरीदारों ने इस कीमत‑कट को “आशा की किरण” कहा, जबकि बड़े निवेशकों ने सावधानी बरतने का सुझाव दिया। विनिर्माण उद्योग के प्रतिनिधियों ने बताया कि जब सोना सस्ता हो रहा है, तो ब्‍ल्यू‑डिकेड (बॉण्ड) की तुलना में सोने में निवेश करने का आकर्षण बढ़ता है।

जैसे-जैसे कीमतें गिरती रहेंगी, अनुमानित है कि नवविषविकाल में ग्राहक 2‑3 लाख रुपये के बजट में सोने के 2‑3 बार सेट खरीदने की योजना बना रहे हैं, विशेषकर शादी‑सत्र या पूजा‑पाठ की तैयारियों में।

भविष्य की संभावनाएँ और संभावित जोखिम

विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 7‑10 दिनों में सोने‑चांदी के दामों में दोधारी परिवर्तन दिख सकता है:

  1. यदि यूएस डॉलर की कीमत स्थिर रहती है तो सोना पुनः स्थिर हो सकता है।
  2. यदि मौसमी खरीदारी में अचानक उछाल आता है तो कीमतों में फिर से ऊपर की ओर झुकाव हो सकता है।
  3. अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक नीति में बदलाव, जैसे RBI द्वारा ब्याज दर में वृद्धि, सीधे इन धातुओं के दामों को प्रभावित कर सकते हैं।

समग्र रूप से कहा जा सकता है कि इस नवविधि पर सोने‑चांदी के दामों में देखा गया बदलाव अस्थायी राहत के साथ-साथ बाजार में नई गतिशीलता भी लाता है। ग्राहक और व्यापारी दोनों को अब तेज़ी से बदलते संकेतों पर नजर रखनी होगी।

Frequently Asked Questions

Frequently Asked Questions

क्या इस कीमत‑कट से छोटे शहरों में भी सोने की कीमतें घटेंगी?

छोटे शहरों में कीमतें अक्सर बड़े बाजारों के प्रभाव को प्रतिबिंबित करती हैं। लखनऊ में गिरावट देखी गई तो संभव है कि आगरा, अलहम्बा जैसे निकटवर्ती शहरों में भी 5‑10 प्रतिशत की कमी आए। लेकिन स्थानीय डीलर के मार्जिन और परिवहन खर्च इस अंतर को नियंत्रित कर सकते हैं।

चांदी की स्थिर कीमत का कारण क्या है?

चांदी का मुख्य उपयोग औद्योगिक क्षेत्र में है – इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर पैनल, मेडिकल उपकरण। इन क्षेत्रों की माँग इस समय विश्व स्तर पर स्थिर है, इसलिए बाजार में कीमत में कुछ हल्की गिरावट ही दिखी, जबकि निवेश‑उपभोगी मांग में कमी नहीं आई।

क्या आगे और कीमतों में उतार‑चढ़ाव की संभावना है?

विश्लेषकों का मानना है कि अगले दो सप्ताह में सोने के दामों में दो‑तीन बार बदलाव आ सकता है। यह मुख्यतः अंतरराष्ट्रीय डॉलर की चाल, भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति और नवविधि के बाद आती खरीदारी के स्तर पर निर्भर करेगा।

गुरुहिंस व्यापारियों के अनुसार इस गिरावट से कौन सा लाभ उठाएगा?

छोटे पैमाने के व्यापारी और सिंगल‑फैमिली ग्राहकों को इस कीमत‑कट से लाभ होगा, क्योंकि वे कम कीमतों पर स्टॉक भर सकते हैं। बड़े किराये‑वाले विक्रेता अपेक्षाकृत स्थिर मार्जिन रखेंगे, परंतु वे भी कम कीमत पर अधिक ग्राहक आकर्षित कर सकेंगे।

भविष्य में सोने की कीमतों को स्थिर रखने के लिए कौन सी नीतियाँ अपनाई जा सकती हैं?

सरकार आयात ड्यूटी में संतुलन, RBI की ब्याज दर नीति, और निर्यात‑आधारित सोने के बंधन को सुदृढ़ करना जैसी कदम कीमतों को अधिक स्थिर पर लाने में मदद करेंगे। साथ ही, बाजार में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म की अपग्रेड भी एक विकल्प है।

टिप्पणि
Balaji Srinivasan
Balaji Srinivasan 29 सित॰ 2025

सोने की कीमत में अचानक गिरावट देखना दिलचस्प है। यह नवविधि की खरीदारी को थोड़ा राहत दे सकता है।

Vibhor Jain
Vibhor Jain 29 सित॰ 2025

हम्म, आखिरकार इतना महँगा सोना अब सस्ता हो गया, क्या बड़ी खबर है!

vikash kumar
vikash kumar 29 सित॰ 2025

वर्तमान बाजार स्थितियों के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि डॉलर में मामूली गिरावट तथा आयात शुल्क में कटौती ने तौलिया तौर पर सोने के मूल्यों को प्रभावित किया है।

Anurag Narayan Rai
Anurag Narayan Rai 29 सित॰ 2025

नवविधि के दौरान सोने‑चांदी के दामों में देखी गई गिरावट आर्थिक संकेतकों का एक जटिल मिश्रण है।
पहले, अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की कीमत में हल्की कमी ने भारतीय आयातकों को कुछ राहत प्रदान की।
दूसरे, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा आयात शुल्क में किए गए समायोजन ने कुल लागत को घटाया।
तीसरे, घरेलू निवेशकों ने जोखिम को कम करने हेतु सोने में प्रवेश करने का विचार किया।
वहीं, चांदी की स्थिर कीमत का कारण उसके औद्योगिक उपयोग में निरंतर मांग है।
उद्योगों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सौर ऊर्जा ने इस धातु की खपत को स्थिर रखा।
लखनऊ, वाराणसी और मेरुत जैसे मुख्य बाजारों में कीमतों का अंतर स्थानीय परिवहन लागत और डीलर मार्जिन को दर्शाता है।
छोटे शहरों में भी यह अंतर महसूस किया जा सकता है, क्योंकि वे बड़े बाजारों के रुझानों को अपनाते हैं।
भविष्य में यदि USD स्थिर रहता है, तो सोने की कीमतें पुनः स्तर पर आ सकती हैं।
परंतु यदि नवविधि के बाद उपभोक्ता मांग में अचानक उछाल आता है, तो कीमतें फिर से ऊपर की ओर झुकाव दिखा सकती हैं।
व्यापारी इस प्रकार के दोधारी परिवर्तन के लिए स्टॉक प्रबंधन को सावधानीपूर्वक योजना बना रहे हैं।
बड़े निवेशकों के लिए यह समय बांड की तुलना में सोने में निवेश करने का आकर्षक अवसर बन सकता है।
हालांकि, ब्याज दर में संभावित बढ़ोतरी और मौद्रिक नीति में बदलाव जोखिम कारक भी जोड़ते हैं।
अतः, निवेशकों को अपने पोर्टफ़ोलियो में विविधता बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
समग्र रूप से, यह कीमत‑कट एक अस्थायी राहत है, परंतु बाजार की गति को ध्यान से ट्रैक करना आवश्यक है।

Shubham Abhang
Shubham Abhang 29 सित॰ 2025

सोने‑की‑कीमत‑में‑गिरावट? हाँ‑है! लेकिन!! क्या‑ये‑स्थायी? देखिए… डीलर‑मार्जिन‑को‑भी‑सही‑से‑समझिए!!

Priya Patil
Priya Patil 29 सित॰ 2025

आपकी बात बिल्कुल सही है। कीमत घटने से कई परिवारों को अस्थायी रूप से राहत मिल सकती है। साथ ही सावधानी बरतते हुए खरीदारी करना अच्छा रहेगा।

Rashi Jaiswal
Rashi Jaiswal 29 सित॰ 2025

वाह भाई, सस्ता सोना मिल रहा है, अब कंगन‑बाँहों‑के‑डिज़ाइन का मज़ा दुगना होगा! चलो जल्दी‑जल्दी मार्केट में धक्का मारें!

Trupti Jain
Trupti Jain 29 सित॰ 2025

इसी गिरावट को देखते हुए, छोटे शहरों में भी सोने‑की‑कीमत‑कम‑हो‑सकती‑है; ऐसा होने पर स्थानीय व्यापारी नए‑नए विकल्पों को उत्साह के साथ पेश करेंगे।

Maneesh Rajput Thakur
Maneesh Rajput Thakur 30 सित॰ 2025

सही कहा!! परन्तु!! इस अवसर में अति‑उत्साह से निवेश कर‑लेना जोखिम भरा हो सकता है; सावधानी‑से‑सोचें; नहीं तो बाद में पछताएँ!!

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