जब सिमरन संधु, व्यावसायिक नर्तकी ने लुधियाना के समराला में एक शादी में अपनी सीटें बचाने की कोशिश की, तो जगरूप सिंह, हेड कॉन्स्टेबल, पंजाब पुलिस ने उसे मंच से नीचे उतरने के लिए दबाव डाला। यह द्वंद्व एक वायरल वीडियो में कैद हो गया, जिससे पंजाब पुलिस के खिलाफ आईपीसी के धारा 294 और 506 के तहत FIR दर्ज हुई और अब मामला कोर्टरूम तक पहुँचा है।
यह घटना समराला में शादी समारोहगिल पैलेस, समराला के दौरान हुई, जो रविवार रात को आयोजित किया गया था। समारोह में स्थानीय युवाओं के साथ-साथ कई दुल्हन‑दुल्हे के रिश्तेदार उपस्थित थे। गिल पैलेस एक बड़े बैंकट हॉल है, जो अक्सर जवानी‑भरे संगीत और डांस परफॉर्मेंस के लिए चुना जाता है।
शाम के दौरान, सिमरन की टीम ने मंच पर एक तेज़ रफ़्तार वाला डांस किया। जगरूप सिंह, जो उस समय अपने सहकर्मियों के साथ उत्सव में हिस्सा ले रहा था, शराबी स्थिति में था और उसने सिमरन से कहा कि वह अपने करीब आए, लेकिन वह कह रही थी कि उसे मंच पर ही प्रदर्शन जारी रखना है। एक और सहकर्मी ने उसे नीचे ले जाने की कोशिश की और अंत में एक काँच का ग्लास उसकी ओर फेंका गया, जिससे सिमरन ने आवाज़ उठाकर जवाब दिया। पूरी टकराव कैमरे पर दर्ज हो गया और सोशल मीडिया पर जल्दी ही ट्रेंड करने लगा।
समराला के डीएसपी तार्लोचन सिंह, डिप्टी सुपरिंटेन्डेंट ने तुरंत मामला दर्ज करने का आदेश दिया। उन्होंने बताया कि "एक कार्यक्रम चल रहा था जहाँ कुछ लोग नर्तकी के साथ अनुचित व्यवहार कर रहे थे। शिकायत मिलने के बाद जगरूप और उसके तीन मित्रों के खिलाफ आईपीसी की धारा 294 (अनुचित सामग्री) और 506 (धमकी) के तहत अलग‑अलग मामलों की दायर की गई"।
FIR में यह भी बताया गया कि जगरूप सिंह ने न केवल मौखिक अपमान किया बल्कि शराब के असर में वह नर्तकी को शारीरिक रूप से भी परेशान करने की कोशिश कर रहा था। अब तक जगरूप को पुलिस में से 'गुम' बताया जा रहा है, क्योंकि FIR दर्ज होते ही वह अपनी ड्यूटी से अनुपलब्ध हो गया।
यह मामला तुरंत राजनीतिक मंच पर भी पहुंच गया। पंजाब के विधायक बलकर सिंह, विधायक, पंजाब विधानसभा ने हरामजादा टाईम पर "एक महिला को नाचते हुए बेइज्जत करना बिल्कुल गलत है" कहा और कहा कि "हम कठोर कार्रवाई करेंगे और जिम्मेदारों को सजा दिलाएंगे"। उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर बहुचर्चित हुई, कई लोगों ने उनकी स्थिति की सराहना की, जबकि कुछ ने कहा कि केवल बयानों से काम नहीं होगा।
समराला में आयोजित इस शादी के बाद शहर के कई अन्य नर्तकियों ने भी अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि अक्सर बड़े समारोहों में शराबी पुलिस या निजी सुरक्षा कर्मी द्वारा महिलाओं के साथ अनादर या शारीरिक उत्पीड़न की घटनाएं घटित होती हैं, पर इससे निपटा नहीं जाता। इस सम्बन्ध में महिलाओं के अधिकार संगठन "सहजता" ने कहा कि इस तरह के मामले न केवल व्यक्तिगत अपमान हैं, बल्कि सामाजिक बुराइयों का प्रतीक भी हैं।
वायरल वीडियो ने महिलाओं की सुरक्षा और पेशेवर गरिमा को लेकर पूरे पंजाब में बहस छेड़ दी। एक स्थानीय सामाजिक वैज्ञानिक, डॉ. सीमा कौर ने कहा, "जब नर्तकी जैसे पेशेवर की मेहनत को शराबी पुलिस अधिकारी द्वारा बदनाम किया जाता है, तो यह एक बड़ी सामाजिक चेतावनी है। ऐसे मामलों को रोकने के लिए कड़े नियम और सख्त निगरानी की जरूरत है।"
पंजाब सरकार ने भी इस पर गौर करने का वादा किया। प्रदेश के गृह मंत्री ने कहा कि "पुलिस के भीतर शराब पीकर ड्यूटी पर काम करने वाले कर्मियों की जांच की जाएगी और अगर दोषी पाए गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी"। इस बीच, राज्य में पिछले साल रिपोर्ट किए गए 12 समान मामले हैं, जहाँ महिला कलाकारों के साथ पुलिस या सुरक्षा स्टाफ ने अनुचित व्यवहार किया था।
अभी तक जगरूप सिंह के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई पूरी नहीं हुई है, पर मामला कोर्ट में जाना तय है। अगर यह मामले में गंभीर सजा सुनाई जाती है, तो यह बाकी पुलिस कर्मियों के लिए एक चेतावनी बन सकती है। इसी बीच, सिमरन संधु ने कहा कि वह अपने पेशे को नहीं छोड़ेंगी और प्रयोगशालाओं में भी नाचना चाहती हैं, अभी भी अपना करियर जारी रखने का इरादा रखती हैं।
सम्पूर्ण रूप से, यह घटना न सिर्फ एक व्यक्तिगत टकराव का उदाहरण है, बल्कि एक सामाजिक लकीर को उजागर करती है—कि किस तरह से सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की गरिमा को अक्सर अनदेखा किया जाता है। आगे सरकार, पुलिस और नागरिक समाज को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि अगली पीढ़ी महिला कलाकार निडर होकर मंच पर अपना मुकाम बना सके।
यदि कोर्ट में सिद्ध हो जाता है कि जगरूप ने आईपीसी की धारा 294 और 506 का उल्लंघन किया, तो उसे जेल की सजा, जुर्माना और सेवा से बर्खास्तगी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी सजा का उदाहरण पिछले साल एक समान मामले में मिला, जहाँ पुलिस अधिकारी को दो साल की जेल हुई।
स्थानीय पुलिस ने कहा है कि अब से सभी सार्वजनिक समारोहों में शराब की सेवन पर कड़ी निगरानी की जाएगी और जिम्मेदार पुलिस कर्मियों को हटाया जाएगा। साथ ही, महिला कलाकारों के लिये एक विशेष हेल्पलाइन स्थापित करने का प्रस्ताव भी है।
वर्तमान में कोई नया कानून नहीं आया है, लेकिन गृह मंत्री ने कहा कि वह पुलिस सेवा संहिता में संशोधन और शराबी ड्यूटी पर रोक लगाने की संभावना पर विचार कर रहे हैं। यह बदलाव अगले वित्तीय वर्ष में पेश किया जा सकता है।
सिमरन ने कहा कि वह अपने पेशे के प्रति प्रतिबद्ध हैं और वह अब भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर परफॉर्म करने की योजना बना रही हैं। वह चाहती हैं कि यह घटना महिलाओं को हतोत्साहित न करे, बल्कि उनके अधिकारों के लिये एक आवाज़ बन जाए।
जी हाँ, जगरूप सिंह के साथ तीन अन्य सहकर्मियों के खिलाफ भी समान धारा के तहत FIR दर्ज की गई है। उन पर भी शराबी स्थिति में उत्पीड़न और धमकी देने का आरोप है।
लुधियाना की इस शादी में सिमरन संधु की डांस परफॉर्मेंस बहुत शानदार थी।
उन्होंने पूरी ऊर्जा और जज्बा से मंच को रोशन किया।
दुर्भाग्यवश, जगरूप सिंह ने अपनी पदवी का दुरुपयोग करते हुए हस्तक्षेप किया।
शराबी हालत में वह नर्तकी को नीचे जाने के लिए दबाव बना रहा।
यह व्यवहार न केवल पेशेवर अनादर है बल्कि महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ है।
ऐसे मामलों में तुरंत कानूनी कार्रवाई होना चाहिए।
पुलिस को अपने अंदर की शराब पीने की समस्या को हल करना चाहिए।
सामाजिक स्तर पर हमें महिला कलाकारों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
हम सभी को इस तरह की घटना को नहीं सहन करना चाहिए।
फीडबैक और जागरूकता बढ़ाने के लिए मीडिया का सहयोग आवश्यक है।
सरकार को नीतियों में सख्त बदलाव लाना चाहिए जिससे ऐसे अधिकारी बिना सजा के नहीं रह सकें।
पुलिस के अंदर प्रशिक्षण और नैतिकता सैशन भी अनिवार्य होना चाहिए।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाना चाहिए।
जनता को भी सतर्क रहना चाहिए और ऐसे दुष्ट व्यवहार को सोशल मीडिया पर रिपोर्ट करना चाहिए।
अंत में, सिमरन को हमारा पूरा समर्थन है और हमें उनके साथ खड़ा रहना चाहिए।