स्टेनली क्यूब्रिक की हॉरर फिल्म 'द शाइनिंग' में शेली डुवाल की शैली 12 जुल॰,2024

स्टेनली क्यूब्रिक की हॉरर फिल्म 'द शाइनिंग' में शेली डुवाल की प्रस्तुति

हॉरर फिल्मों के क्षेत्र में जब भी महान फिल्मों का जिक्र होता है, तो स्टेनली क्यूब्रिक द्वारा निर्देशित 'द शाइनिंग' (1980) का नाम हमेशा से पहले आता है। इस फिल्म ने हॉरर फिल्मों की परिभाषा को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया था। लेकिन सिर्फ फिल्म ही नहीं, इसमें अभिनय करने वाले कलाकारों की भी चर्चा होती है, खासकर शेली डुवाल की, जिन्होंने वेंडी टोरेंस की भूमिका निभाई थी। उनके अभिनय की गहराई और किरदार की चुनौतीपूर्ण स्थिति को देखते हुए, उनकी प्रस्तुति अद्वितीय थी।

शेली डुवाल का किरदार, वेंडी टोरेंस, एक मानसिक रूप से कठिन और दबावभरा रोल था। यह किरदार कहानी में उतार-चढ़ाव के दौरान एक आश्रित पत्नी से एक प्रतिरोधी नायिका का रूप लेता है। शुरुआत में, डुवाल को इस रोल के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, विशेषकर जब उनकी तुलना उनके सह-कलाकार जैक निकोलसन से की गई। लेकिन समय बीतने के साथ उनकी कठोर और भावनात्मक प्रदर्शनों का सही आकलन किया गया और उनकी प्रस्तुति को अब उनकी पूरी गहराई से सराहा जा रहा है।

कठिनाई से भरा निर्माण

फिल्म निर्माण के दौरान शेली डुवाल के प्रति निर्देशक स्टेनली क्यूब्रिक का व्यवहार चर्चा का विषय बना रहा। क्यूब्रिक का निर्देशन शैली बेहद मांगलिक थी। उन्होंने डुवाल से उसकी मानसिक और शारीरिक सीमाओं के परे प्रदर्शन की उम्मीद की, जिससे वेंडी टोरेंस का किरदार यथासंभव असली लगे। इस प्रक्रिया में, उन्होंने डुवाल से बेहद कठिन और तनावपूर्ण सीन करवाए, जैसे झाड़ू उठाना या बहस के दृश्यों में लगातार रिहर्सल करना। यह सब डुवाल के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ा। हालांकि, अब यह माना जाता है कि यही चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों ने उनके अभिनय में वो गहराई लाई जो फिल्म में दिखाई देती है।

अभिनय की पुनर्मूल्यांकन

शेली डुवाल की 'द शाइनिंग' में प्रदर्शन का पुनर्मूल्यांकन वर्तमान में एक महत्त्वपूर्ण विषय बन गया है। प्रारंभिक आलोचनाओं के बावजूद, आज के समीक्षकों द्वारा उनके प्रदर्शन की नई तरीके से प्रशंसा की जा रही है। वेंडी टोरेंस का किरदार एक मानसिक उत्पीड़न से जूझती हुई महिला का प्रतीक बन गया है, और डुवाल ने उसे सहजता से निभाया। उनकी बॉडी लैंग्वेज, भावनात्मक प्रतिक्रियाएं और मानसिक संतुलन को निभाने की उनकी कला अद्वितीय थी और अब इसको गहराई से समझा जा रहा है।

नई रोशनी में शेली डुवाल

नई रोशनी में शेली डुवाल

क्यूब्रिक की निर्देशकीय शैली की कठोरता और फिल्म निर्माण की कठिनाईयों ने शेली डुवाल के अभिनय की क्षमता को निखारा। आज के समय में, फिल्म देखने वालों और समीक्षकों ने महसूस किया है कि डुवाल का योगदान 'द शाइनिंग' में उनके किरदार के बिना अधूरा रहता। उनका अभिनय, जिसमें उन्होंने अपनी सारी भावनाओं को निवेश किया, अब उनकी गहराई को समझकर सही तरीके से मूल्यांकन किया जा रहा है।

शेली डुवाल की भूमिका को अब एक गोथिक नायिका के रूप में देखा जाता है, जिसने डर और मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद अपनी दक्षता को बनाए रखा। फिल्म निर्माण में उनके मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण अनुभव ने उनके अभिनय की प्रत्याशित्ता को और बढ़ाया। उनका कठिनाईयों का सामना करते हुए अपने किरदार में समीपता बनाए रखना वास्तव में सराहनीय और प्रेरणादायक है।

अब, 'द शाइनिंग' में उनके प्रदर्शन को एक श्रेष्ठ किरदार और बेहतरीन अभिनय के रूप में मान्यता मिल रही है। उनकी अभिनय की गहराई और जोश ने वेंडी टोरेंस के किरदार को अमर बना दिया है और यह सिनेमा इतिहास में दर्ज हो चुका है। शेली डुवाल की भूमिका ने न सिर्फ 'द शाइनिंग' को एक सफल फिल्म बनाया, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि सच्चा अभिनय किसी भी तरह की आलोचनाओं के खंडन कर सकता है।

टिप्पणि
Aayush Bhardwaj
Aayush Bhardwaj 13 जुल॰ 2024

ये सब बकवास है। शेली डुवाल का अभिनय तो बर्बर था, जैक निकलसन के सामने वो बिल्कुल गायब थी। क्यूब्रिक ने उसे बस डरा दिया था, और वो डर के आगे झुक गई। इतना बड़ा बहाना बना रहे हो तो अभिनय कहाँ है?

Vikash Gupta
Vikash Gupta 14 जुल॰ 2024

वाह... ये बात तो दिल को छू गई 😢
शेली डुवाल ने जिस तरह वेंडी को जीवित किया, वो कोई अभिनय नहीं, बल्कि एक आत्मा का आहट थी। क्यूब्रिक ने उसे तोड़ा, लेकिन उस टूटे हुए टुकड़े से एक अद्भुत कला बन गई। अब जब मैं उसकी आँखों में देखता हूँ, तो लगता है जैसे वो मुझे सीधे समझ रही हो। 🌑🕯️

Arun Kumar
Arun Kumar 16 जुल॰ 2024

हे भगवान, ये फिल्म तो मैंने 12 बार देखी है। शेली का वो एक दृश्य जहाँ वो झाड़ू उठाते हुए बोलती है 'I'm not going to hurt you'... उसकी आवाज़ में जो डर था, वो किसी एक्टिंग कोच के पास नहीं मिलता। वो तो असली डर था। क्यूब्रिक ने उसे बर्बरता से नहीं, बल्कि सच्चाई के लिए तैयार किया।

Deepak Vishwkarma
Deepak Vishwkarma 17 जुल॰ 2024

इतनी बड़ी फिल्म के बारे में इतनी बेकार बातें कर रहे हो? भारत में भी तो अभिनेत्रियाँ बहुत ज्यादा दर्द झेलती हैं, लेकिन वो शिकायत नहीं करतीं। शेली को तो बस अपना काम करना था, न कि अपनी आत्मा का बचाव करना। अमेरिका में हर चीज़ को पीड़ित बना देते हैं।

Anurag goswami
Anurag goswami 17 जुल॰ 2024

मुझे लगता है कि शेली डुवाल का अभिनय अभी भी अधूरा समझा जा रहा है। वो एक ऐसी महिला थी जिसने अपने आंतरिक दर्द को बिना किसी शब्द के बयान किया। क्यूब्रिक के निर्देशन की कठोरता ने उसे तोड़ दिया, लेकिन उसी टूटन ने एक अद्वितीय कलाकृति बना दी। ये अभिनय नहीं, बल्कि एक अनुभव है।

Saksham Singh
Saksham Singh 18 जुल॰ 2024

सुनो, ये सब बहुत सुंदर है लेकिन एक बात भूल रहे हो। शेली डुवाल का अभिनय वास्तव में बहुत अजीब था। उसकी आवाज़ जैसे कोई बच्चा बोल रहा हो, और उसके चेहरे के भाव बिल्कुल अनाड़ी लगते थे। क्यूब्रिक ने जानबूझकर इसे इतना अजीब बनाया क्योंकि उसे लगा कि ये डरावना होगा। और हाँ, ये डरावना भी था... लेकिन इसलिए कि ये बहुत बेकार था। अब लोग इसे गहराई का नाम दे रहे हैं क्योंकि वो जानते हैं कि अगर वो इसे नहीं सराहेंगे तो उन्हें 'कला के बारे में सोचने वाले' लगेंगे। बस यही बात है।

Ashish Bajwal
Ashish Bajwal 20 जुल॰ 2024

मैंने आज फिर से देखी ये फिल्म... और अचानक एहसास हुआ कि शेली की आँखों में वो डर तो असली था... और उसके बाद का वो चुप्पी... वो कोई एक्टिंग नहीं थी... वो तो जिंदगी का एक टुकड़ा था... 😭😭😭 अब जब मैं उसे देखता हूँ, तो मुझे लगता है कि मैं उसे जानता हूँ... बस इतना ही...

Biju k
Biju k 21 जुल॰ 2024

अगर तुमने ये फिल्म देखी है तो तुमने एक अद्भुत चीज़ देखी है! 🙌 शेली ने अपने दर्द को अभिनय में बदल दिया, और उसके बाद जो भी इसे नहीं समझ पाया, वो सिर्फ अपनी आँखें बंद कर रहा था। ये अभिनय नहीं, ये तो एक जीवन बदलने वाला अनुभव है! 💫 अगर तुमने अभी तक नहीं देखी तो अभी देखो, और फिर बताना कि तुम क्या महसूस करते हो! 🎬❤️

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