जब आप किसी कंपनी के शेयर रखते हैं तो कभी‑कभी आपको आधी या तिहाई साल की अवधि में डिविडेंड मिलता है। इसे ही अंतरिम लाभांश कहते हैं। आमतौर पर कंपनियां हर छः महीने में एक बार, यानी दो‑तीन महीनों बाद, अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा शेयरधारकों को बांट देती हैं। इस तरह के भुगतान से छोटे निवेशकों को नियमित आय मिलती है और बड़े निवेशकों को भी अपनी नकदी प्रवाह योजना बनाने में मदद मिलती है।
कंपनी अपने बोर्ड मीटिंग में तय करती है कि मुनाफे का कितना प्रतिशत अंतरिम डिविडेंड के रूप में देगा। फिर वे एक डिविडेंड घोषणा तिथि घोषित करते हैं, जिसके बाद दो मुख्य तारीखें होती हैं – एक्स-रजिस्टर डेट और पेमेंट डेट. एक्स‑रजिस्टर डेट पर यदि आपके नाम शेयरों की लिस्ट में है तो आप लाभांश पाने के हकदार होते हैं। पेमेंट डेट पर कंपनी बैंक ट्रांसफर या चेक से रकम भेज देती है। इस प्रक्रिया को समझना आसान है: अगर आप 15 मार्च को एक्स‑रजिस्टर डेट से पहले अपने शेयर खरीदते हैं, तो आपको अगले महीने मिलने वाला अंतरिम लाभांश मिल जाएगा.
अधिकांश स्टॉक ब्रोकरेज ऐप्स में ‘डिविडेंड’ या ‘लाभांश’ सेक्शन होता है। वहाँ आप कंपनी का नाम, डिविडेंड पर शेयर (₹) और भुगतान तिथि देख सकते हैं। अगर कोई खबर आती है जैसे "Sensex 74,000 के पार" या "इनकम टैक्स बिल 2025 में बदलाव", तो अक्सर लेखों में बताया जाता है कि इन घटनाओं से कंपनियों के मुनाफे पर क्या असर पड़ेगा और इससे अंतरिम लाभांश कितना बदल सकता है। इसलिए नियमित रूप से वित्तीय समाचार पढ़ना फायदेमंद रहता है.
ध्यान रखने वाली बातें:
उदाहरण के तौर पर अगर आप किसी कंपनी के 1000 शेयर रखते हैं और उसका अंतरिम लाभांश ₹5 प्रति शेयर घोषित किया गया है, तो आपको कुल ₹5000 मिलेंगे (10% टैक्स घटाने के बाद लगभग ₹4500)। यह रकम सीधे आपके बैंक में जाएगी या आप इसे फिर से निवेश कर सकते हैं।
अंतरिम लाभांश सिर्फ एक अतिरिक्त आय नहीं है, बल्कि यह आपकी पोर्टफोलियो की जोखिम कम करने का भी तरीका है। नियमित रूप से डिविडेंड कैलेंडर चेक करें, कंपनी के मुनाफे और उद्योग के ट्रेंड को समझें, फिर ही निवेश निर्णय लें.
समाचार दृष्टी पर आप इस टैग के तहत कई नई खबरें देख सकते हैं – चाहे वह शेयर बाजार की तेज़ी हो या सरकारी टैक्स नीति में बदलाव। इन लेखों से आपको यह पता चलेगा कि अंतरिम लाभांश कैसे बदल रहा है और कौन सी कंपनियां इसे लगातार दे रही हैं। पढ़ते रहें, सीखते रहें और अपने निवेश को स्मार्ट बनाते रहें.
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अपने Q2 वित्तीय परिणामों की घोषणा की है, जिसमें मुनाफा साल-दर-साल 5% बढ़कर 11,909 करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि, यह अनुमानित 12,450 करोड़ रुपये से कम है। कंपनी ने 8% की सालाना वृद्धि के साथ 64,259 करोड़ रुपये का परिचालन राजस्व दर्ज किया है। TCS ने प्रति शेयर 10 रुपये का दूसरा अंतरिम लाभांश घोषित किया है, जो 18 अक्टूबर 2024 को रिकॉर्ड किया जाएगा, जबकि इसका भुगतान 5 नवंबर 2024 को होगा।
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