जब आप बारिश, वायुमंडल में जलवाष्प के ठंडा होकर जल में गिरने की प्रक्रिया. also known as वर्षा, it भारत में मौसमी परिवर्तन, कृषि और दैनिक जीवन को सीधे प्रभावित करता है. यही कारण है कि हर मौसम‑प्रेमी और किसान इसे लगातार ट्रैक करता है। बारिश केवल जल नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक जुड़ाव का भी प्रतीक है—जब खेत हरे‑भरे होते हैं, तब बाजार में तरोताज़ा सब्जियां आती हैं, और शहर में भीड़‑भाड़ वाले रास्ते साफ़ हो जाते हैं। इस टैग पेज पर आप पढ़ेंगे कैसे विभिन्न क्षेत्रों में बारिश के पैटर्न बदलते हैं, कौन‑से चेतावनी संकेत आते हैं, और अगले कुछ दिनों में क्या उम्मीद रखनी चाहिए।
मौसम, वायुमंडलीय स्थितियों का समग्र रूप को समझे बिना बारिश के कारणों का पता नहीं चलता। मौसम विभाग की सूचनाएँ, जैसे कि नारंगी‑पीली चेतावनियाँ, हमें यह बताती हैं कि कब और कहाँ भारी वर्षा हो सकती है। हाल ही में, नई दिल्ली के मौसम केंद्र ने पंजाब‑राजस्थान में भारी बारिश की चेतावनी दी, जिससे किसानों ने पहले से ही बीज बोने की योजना बदल दी। दूसरी ओर, चक्रवात, समुद्र के ऊपर बनने वाली तीव्र हवाओं वाला बवंडर कभी‑कभी अरब सागर से भारतीय तट तक पहुँचता है और बरसाती मौसम को और तीव्र बनाता है। "शक्ति" जैसे चक्रवात के असर को समझना जरूरी है, क्योंकि यह सीधे भारी वादियों, बाढ़ और जल संकट को जन्म देता है। इन तीनों—बारिश, मौसम, चक्रवात—के बीच के संबंध को समझना आपको सही तैयारी करने में मदद करेगा, चाहे आप किसान हों, यात्रा प्रेमी हों या बस रोज़मर्रा की खबरें पढ़ते हों।
अब तक हमने बताया कि बारिश मौसम का घटक है, मौसम विभाग के आंकड़े कैसे तैयार होते हैं, और चक्रवात कैसे भारी वर्षा लाता है। अगली खबरों में आप देखेंगे कैसे राजस्थान के कुछ जिलों में सात‑दिन की बारिश चेतावनी जारी हुई, या दिल्ली‑नयी दिल्ली के प्रादेशिक मौसम केंद्र ने नारंगी‑पीली चेतावनी के बाद किन उपायों की सलाह दी। आप यह भी पढ़ेंगे कि कब बारिश लाइट से लेकर मोनसून‑स्ट्रॉंफ़ तक बदल सकती है, और कौन‑से क्षेत्र सबसे ज्यादा जोखिम में हैं। इन जानकारियों के आधार पर आप अपने दैनिक शेड्यूल, फसल की योजना या यात्रा की तैयारी बेहतर तरीके से कर पाएँगे। नीचे दी गई सूची में आज की ताज़ा बारिश‑सम्बंधित खबरें, चेतावनियाँ और विशेषज्ञों की राय शामिल हैं—पढ़िए, समझिए और अपने कदम सुरक्षित रखें।
IMD ने मुंबई में नारंगी अलर्ट और रायगढ़ में लाल अलर्ट जारी किया। चार दिनों में 791 mm बारिश, जलाशयों का स्तर 92 % तक बढ़ा, किसान और नागरिक भारी प्रभावित।
और देखें