ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी: क्या है, क्यों महत्वपूर्ण?

अगर आप यूके राजनीति में रुचि रखते हैं तो कंजरवेटिव पार्टी को अनदेखा नहीं कर सकते। यह पार्टी लगभग दो सदी पुरानी है और कई बार सरकार का प्रमुख हिस्सा रही है। यहाँ हम आसान भाषा में बताएँगे कि इस पार्टी की जड़ें क्या हैं, कौन‑कौन से नेता रहे हैं और आज इसका रुख कैसा है।

इतिहास और मूल विचारधारा

कंजरवेटिव पार्टी का जन्म 1830 के दशक में टार्गेट समूह से हुआ था। शुरुआती दौर में इसे "टॉरियों" कहा जाता था क्योंकि वे राजा की सत्ता को बचाने वाले थे। समय के साथ उनका नाम बदल कर कंजरवेटिव रखा गया और उन्होंने मुक्त बाजार, व्यक्तिगत जिम्मेदारी और राष्ट्रीय सुरक्षा को अपनी मुख्य नीतियों में रखा।

इन मूल सिद्धांतों ने पार्टी को कई बार जीत दिलाई। 1979‑1990 तक मार्गरेट थैचर की अगुवाई में कंजरवेटिव सरकार ने निजीकरण और श्रमिक नियमों में बदलाव किया। इस दौर को अक्सर "थैचरिज़्म" कहा जाता है, लेकिन आज भी लोग इसे आर्थिक विकास के एक मॉडल के रूप में याद करते हैं।

मुख्य नेता और हाल की घटनाएँ

आधुनिक समय में कंजरवेटिव पार्टी कई बार सत्ता से बाहर रही, पर 2010‑2022 तक लगातार सरकार बनाती रही। बोरिस जॉनसन ने ब्रेक्जिट को लागू करने के लिए जोर दिया और 2019 के चुनाव में भारी जीत हासिल की। उनकी शैली बहुत ही ऊर्जावान थी, लेकिन विवाद भी उतने ही बड़े थे।

जॉनसन के बाद रिशि सुनाक ने पार्टी का नेतृत्व संभाला। सुनाक वित्त मंत्री से प्रधानमंत्री बने और उन्होंने आर्थिक स्थिरता पर ध्यान दिया। उनका लक्ष्य महंगाई को कम करना और निवेश को बढ़ावा देना है। उनके कदम अक्सर शेयर बाजार में दिखते हैं, जैसे कि हाल ही में Sensex के 74,000 स्तर पार करने के बाद यूके की नीति बदलावों का असर देखा गया था।

भविष्य की बात करें तो थॉमस सैडर्स नामक युवा नेता उभर रहे हैं। वे क्लाइमेट परिवर्तन और डिजिटल अर्थव्यवस्था पर अधिक फोकस कर रहे हैं, जिससे पार्टी को नई पीढ़ी से समर्थन मिल रहा है। उनके विचारों में पारंपरिक कंजरवेटिव मूल्य के साथ पर्यावरणीय जिम्मेदारी का मेल दिखता है।

कुच्छ महीने पहले संसद ने वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस की, जिसमें कई कंजरवेटिव सांसदों ने अपनी स्थिति स्पष्ट की। यह दर्शाता है कि पार्टी अभी भी सामाजिक मुद्दों में सक्रिय है और अपने मतदाताओं को सुनती है।

पार्टी का राष्ट्रीय स्तर पर असर सिर्फ यूके तक सीमित नहीं है। ब्रिटेन की नीतियों के कारण भारतीय शेयर बाजार, निर्यात‑आयात और विदेशी निवेश पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इसलिए भारत में भी "समाचार दृष्टि" जैसे पोर्टल कंजरवेटिव पार्टी की खबरों को बड़े ध्यान से देखते हैं।

संक्षेप में, ब्रिटीश कंजरवेटिव पार्टी एक ऐसी संस्था है जो आर्थिक स्वतंत्रता, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी को मिलाकर चलती है। उनके नेता बदलते रहे, पर मूल विचारधारा अक्सर समान रहती है। चाहे आप निवेशक हों या आम नागरिक, इस पार्टी की दिशा समझना आपके निर्णयों में मदद कर सकता है।

अगर आपको कंजरवेटिव पार्टी के बारे में और जानकारी चाहिए तो आगे पढ़ें। हम नियमित रूप से नई खबरें, विश्लेषण और नेता‑विशेष इंटरव्यू जोड़ते रहते हैं। यह टैग पेज आपको सभी संबंधित लेखों का एक ही स्थान पर संग्रह देता है, ताकि आप जल्दी से अपडेट रह सकें।

कैमी बाडेनच: पहली अश्वेत महिला, ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी की नई नेता 3 नवंबर 2024
Avinash Kumar 0 टिप्पणि

कैमी बाडेनच: पहली अश्वेत महिला, ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी की नई नेता

कैमी बाडेनच ने ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है। 44 वर्षीय बाडेनच पार्टी की पहली अश्वेत नेता बनीं, जिन्होंने चुनावी प्रक्रिया में अपने प्रतिद्वंद्वी को मात दी। अपने नेतृत्व में उन्होंने पार्टी को 'नया रूप' देने का वादा किया है। इसके साथ ही, वह यूके-भारत मुक्त व्यापार समझौते के लिए भी काम कर रही हैं।

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