जब बात Diwali, हिंदुओं का सबसे बड़ा प्रकाश‑पावन त्यौहार है, जो अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है. इसे दिवाली भी कहा जाता है, इसलिए यह नाम कई क्षेत्रों में अलग‑अलग रूप से मनाया जाता है। रिवाज, दीप जलाना, मिठाइयाँ बाँटना और गरीबों को दान देना Diwali के मुख्य अंग हैं, जबकि खरीदारी, सजावट, कपड़े और उपहारों की तैयारी त्योहारी उत्सव को रंगीन बनाती है।
Diwali सिर्फ एक दिन का समारोह नहीं, यह सफलता और समृद्धि के लिए नई शुरुआत का समय है। इस समय कई लोग नए वर्टिकल्स में निवेश, ज्वेलरी या इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदते हैं, जिससे रिटेल की बिक्री में तेज़ उछाल आता है। आर्थिक दृष्टि से देखा जाए तो Diwali अर्थशास्त्र को गति देता है – स्टॉक्स में उछाल, विज्ञापन खर्च में बढ़ोतरी और ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफ़ॉर्म पर ट्रैफ़िक में दो‑तीन गुना वृद्धि देखी जाती है। इस कारण, ई‑कॉमर्स साइट्स त्योहार से पहले विशेष डिस्काउंट और फ्री डिलीवरी की पेशकश करती हैं।
Diwali के सबसे प्रसिद्ध रिवाजों में दीप प्रज्वलन, घर की द्वार और खिड़कियों पर तेल के दीप लगाना शामिल है। इस व्यवस्था से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और लक्ष्योपरि सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने का विश्वास है। साथ ही, पटाखे, ध्वनि और प्रकाश के माध्यम से बुराई को भगाना भी अनिवार्य माना जाता है, परंतु पर्यावरणीय प्रभाव को देखते हुए कई शहरों में इसकी जगह फायरवर्क्स‑फ्री ज़ोन स्थापित किए जा रहे हैं।
खाना‑पीना Diwali का अभिन्न हिस्सा है। मिठाइयाँ जैसे लड्डू, बर्फी, और जलेबी को घर‑घर में तैयार किया जाता है या दुकान से खरीदा जाता है। सजावट, रंग-बिरंगे रांगोली, दीवाली की लाइटिंग और फूलों की सूढ़ी से घर को सुंदर बनाया जाता है। इन रिवाजों में सामुदायिक भावना और सामाजिक बंधन का फोल्ड भी पाया जाता है, जिससे परिवार और पड़ोसी एक साथ मिलकर खुशी मनाते हैं।
विशेष रूप से 2025 में, स्कूल छुट्टियों के कैलेंडर में Diwali का उल्लेख कई राज्यों में प्रमुख त्योहारी अवकाश के रूप में है। इसका मतलब है कि छात्र, शिक्षक और प्रशासनिक कर्मचारी इस अवधि में घर‑परिवार के साथ अधिक समय बिता सकते हैं। यह समय यात्रा, गेट‑अवे या धार्मिक स्थलों की यात्राओं के लिए भी उपयुक्त है। कई रेल और हवाई मार्ग इस सप्ताह में अतिरिक्त ट्रेन और फ्लाइट्स चलाते हैं, जिससे यात्रा की सुविधा बढ़ती है।
Diwali की तैयारियों को सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में देखें तो यह कई पुराणों की कथाओं से जुड़ी है। लंका में रामायण की घटना, महालक्ष्मी की वासुश्री आदि को याद किया जाता है। इन कथाओं ने त्योहारी माहौल को आध्यात्मिक गहराई दी है। साथ ही, कई क्षेत्रों में रामलीला, भक्ति अभिनय और मौखिक परंपराओं का आयोजन किया जाता है, जो स्थानीय कला को साकार करता है।
पर्यावरणीय चिंताओं को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। DiDiwali के समय वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि अक्सर देखी जाती है। इसलिए, कई नगरपालिकाएँ वायु गुणवत्ता, धुएँ और कणों के स्तर को मापने की प्रणाली पर विशेष निगरानी रखती हैं और सार्वजनिक जागरुकता अभियान चलाती हैं। इस साल, कई छोटे शहरों ने इलेक्ट्रिक लाइट्स और बायो‑डिग्रेडेबल पैकेजिंग के उपयोग को प्रोत्साहित किया है, जिससे उत्सव में स्थिरता का पहलू जुड़ता है।
अब जबकि हमने Diwali की सांस्कृतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परतों को समझ लिया, अगले भाग में आप पाएँगे कि 2025 में Diwali से जुड़े प्रमुख समाचार, किचन टिप्स, शॉपिंग गाइड और यात्रा सुझाव कौन‑से हैं। इस संग्रह में हर लेख आपके लिए उपयोगी जानकारी लाएगा, चाहे आप तैयारी कर रहे हों या उत्सव के बाद सफ़ाई की योजना बना रहे हों। आगे पढ़िए और इस त्यौहार को पूरी तरह से जीने के लिए तैयार हो जाइए।
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