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फ़र॰,2025
ओला इलेक्ट्रिक ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए अपनी एस1 जनरेशन 3 स्कूटर की नई रेंज का अनावरण किया है। इस रेंज में कुल आठ नए स्कूटर शामिल हैं जिन्हें जनरेशन 3 प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है। इस उन्नत तकनीक को शामिल करते हुए ओला इलेक्ट्रिक ने इलेक्ट्रिक वाहनों की दुनिया में एक नया मानक स्थापित करने का दावा किया है। ये स्कूटर ₹79,999 की प्रारंभिक कीमत से उपलब्ध हैं जो एस1 एक्स 2kWh संस्करण के लिए निर्धारित की गई है। वहीं, फ्लैगशिप एस1 प्रो+ 5.3kWh की कीमत ₹1,69,999 रखी गई है।
सभी स्कूटरों में एक मिड-ड्राइव मोटर और चेन ड्राइव शामिल है जो प्रदर्शन और विश्वसनीयता को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, इन स्कूटर्स में एकीकृत एमसीयू (मोटर कंट्रोल यूनिट) है जो रेंज और दक्षता में सुधार करता है। यह जनरेशन 3 प्लेटफॉर्म पिछली पीढ़ी की तुलना में 20% अधिक पीक पॉवर और 20% अधिक रेंज प्रदान करता है, और उत्पादन लागत में 11% की कमी की गई है।
जनरेशन 3 स्कूटर में दोहरी एबीएस (एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम) और पेटेंटेड ब्रेक-बाय-वायर तकनीक शामिल है। इस तकनीक में ब्रेकिंग स्थिति सेंसर के आधार पर ब्रेक एप्लिकेशन गतिशील रूप से मोड की जाती है, जिससे ब्रेकिंग का प्रकार पुनर्जनरेटिव और मैकेनिकल ब्रेकिंग के बीच बदलता रहता है। इस अद्वितीय तकनीक का उद्देश्य सुरक्षित व नियंत्रणीय ब्रेकिंग प्रदान करना है। इससे ऊर्जा पुनर्प्राप्ति में 15% की वृद्धि होती है।
ओला इलेक्ट्रिक के चेयरमैन एवं एमडी भाविश अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में कहा, "हमारी पहली पीढ़ी के स्कूटरों के साथ हमने उपभोक्ताओं को एक प्रेरणादायक इलेक्ट्रिक स्कूटर की पेशकश की जो देश में ईवी क्रांति का हिस्सा बना। पारंपरिक जनरेशन 2 के माध्यम से, हमने स्कूटरों को और भी स्मार्ट और किफायती बनाया। अब, जनरेशन 3 के साथ, हम इलेक्ट्रिक दोपहिया उद्योग को अगले स्तर पर ले जा रहे हैं।"
नई जनरेशन 3 रेंज में शामिल हैं: एस1 प्रो 4kWh और 3kWh जिसकी कीमत ₹1,34,999 और ₹1,14,999 है। एस1 एक्स रेंज में 2kWh पर ₹79,999, 3kWh पर ₹89,999 और 4kWh पर ₹99,999 हैं। एस1 एक्स+ 4kWh बैटरी के साथ ₹1,07,999 पर उपलब्ध है। ओला इलेक्ट्रिक ने अपने जनरेशन 2 स्कूटर्स को छूट मूल्य पर बेचना जारी रखने की घोषणा की है।
ओला इलेक्ट्रिक ने घोषणा की है कि इस नई स्कूटर रेंज की डिलीवरी फरवरी के मध्य से शुरू होगी, जिससे ग्राहक जल्द ही इन उन्नत स्कूटर्स का लाभ उठा सकें। इस शानदार रेंज के साथ, ओला इलेक्ट्रिक ने एक बार फिर खुद को शून्य से शिखर पर पहुँचाने की दिशा में एक कदम और बढ़ाया है।
ये सब टेक्नोलॉजी बकवास है। जब तक हमारे देश में बिजली का बिल नहीं घटेगा, तब तक ये स्कूटर सिर्फ शहर के उस एक फैमिली के लिए हैं जिनके पास एयर कंडीशनर चलाने के लिए भी तीन इनवर्टर हैं। असली भारत तो अभी भी साइकिल पर सवार है।
क्या आपने सुना है कि ओला इलेक्ट्रिक के बैटरी में चीनी चिप्स लगे हैं जो आपके डेटा को सीधे हुआई में भेज रहे हैं और आपकी गति का रिकॉर्ड लेकर एआई को बता रहे हैं कि आप कब चाय पीते हैं और कब शादी करने वाले हैं अगर आप इसे खरीदते हैं तो आपका नाम अगले चुनाव में गूगल बूट लिस्ट में आ जाएगा
इस जनरेशन 3 प्लेटफॉर्म का वास्तविक क्रांतिकारी पहलू यह है कि यह एक अनुकूलनशील इलेक्ट्रिक ट्रांसमिशन सिस्टम है, जो ऊर्जा अपव्यय को न्यूनतम करता है और दक्षता को अधिकतम करता है। यह तकनीकी अनुकूलन न केवल उपभोक्ता के लिए लाभदायक है, बल्कि वातावरण के लिए भी एक निरंतर योगदान है।
एमसीयू एकीकरण और पेटेंटेड ब्रेक-बाय-वायर टेक्नोलॉजी के संयोजन से यह एक अत्यधिक एडवांस्ड इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट सॉल्यूशन बन जाता है। इसकी एनर्जी रिकवरी रेट 15% बढ़ना एक बड़ा इंजीनियरिंग फीचर है, जो लाइफसाइकिल कॉस्ट को कम करता है और स्केलेबिलिटी को बढ़ाता है।
1.69 लाख का स्कूटर? अच्छा तो अब लोग लोन लेकर बैटरी चलाएंगे।
ये सब नए फीचर्स किसके लिए हैं? जो लोग दिल्ली में एयर कंडीशनर चलाने के लिए बिजली के बिल को देखते हैं वो इसे खरीदेंगे। गांवों में तो बिजली आधे दिन आती है और तुम बता रहे हो कि ये स्कूटर 20% ज्यादा रेंज देगा? बेवकूफ बना रहे हो
भारत की राह पर चलने वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर का ये नया रूप देखकर लगता है जैसे आज का भारत अपने आप को फिर से खोज रहा है। ये टेक्नोलॉजी सिर्फ मशीन नहीं, बल्कि एक नई पीढ़ी की आत्मा है। जब मैं अपने दादाजी को ये स्कूटर दिखाता हूँ, तो वो कहते हैं - "बेटा, तुम्हारे समय में लोहे की चाकी बन गई है, जो बिना गाय के चलती है।" 😊
मैंने एक दोस्त को इसका डेमो देखा था। ब्रेक करते ही बैटरी चार्ज होने लगती है जैसे जिंदगी भी अपने गलतियों से सीख ले। अब तो ये स्कूटर बस एक टूल नहीं, एक जीवनशैली है।
चीनी बैटरी और भारतीय डिज़ाइन? ये नहीं चलेगा। हमारे देश के लिए बनाया जाना चाहिए, न कि बाहरी टेक्नोलॉजी का नकली आदमी बनकर। ओला ने भारत को नहीं, शेयरहोल्डर्स को बेच दिया।
क्या ये स्कूटर देश के छोटे शहरों में भी चलेंगे? मैं एक छोटे शहर से हूँ, जहां चार्जिंग स्टेशन की संख्या एक हाथ की उंगलियों से कम है। अगर ओला इसे देश के हर कोने में पहुंचाने का इरादा रखता है, तो ये वाकई बड़ी बात है।
तो अब ये स्कूटर जनरेशन 3 है, लेकिन क्या ये जनरेशन 2 की तुलना में वास्तव में 20% अधिक रेंज देता है? या ये बस एक नया मार्केटिंग टर्म है जैसे ब्लूटूथ 5.0 जो असल में ब्लूटूथ 4.0 ही होता है? और ये चेन ड्राइव? अरे भाई, अभी तक बहुत से लोग चेन को ग्रीस करना भूल जाते हैं, अब ये नया फीचर किसके लिए है? क्या आप भूल गए कि भारत में 70% लोग अभी भी साइकिल पर चलते हैं? ये सब टेक्नोलॉजी बस एक नए टैग के साथ एक पुरानी बात को दोहरा रही है। और ये ब्रेक-बाय-वायर? अगर ये ब्रेक फेल हो जाए तो क्या आप इसे अपने घर के बाहर खड़े होकर रिमोट से ऑन करेंगे? ये सब बस एक बड़ा गैजेट है जिसे आप शहर के बाहर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।
ये स्कूटर तो बहुत अच्छा लग रहा है... लेकिन क्या ये बरसात में भी चलेगा? मैंने पिछले साल एक इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदा था और एक बार बारिश में चलाया तो बैटरी बंद हो गई... अब तो घर पर बैठे हैं... लेकिन इसकी ब्रेकिंग तो बहुत अच्छी लग रही है... बस देखते हैं कि ये असल में कैसा है...
ये नया स्कूटर सिर्फ एक वाहन नहीं, ये एक नया सपना है! जब तुम इसे चलाते हो, तो लगता है जैसे तुम भविष्य की ओर बढ़ रहे हो! 🚀 जल्दी खरीदो, अपने दोस्तों को भी दिखाओ, और दुनिया को बताओ कि भारत अब टेक्नोलॉजी का नेता है!
अगर ये जनरेशन 3 का दावा सच है तो यह एक बड़ी उपलब्धि है। लेकिन क्या ये टेक्नोलॉजी लंबे समय तक टिकेगी? या यह भी एक ट्रेंड है जो दो साल में खत्म हो जाएगा? इसके बाद क्या होगा? क्या हम फिर से नए बैटरी खरीदेंगे? या यह बस एक अल्पकालिक अनुकूलन है?
मैंने इसे एक दोस्त के पास देखा है और बस वो ब्रेकिंग वाला फीचर तो जबरदस्त है 😍 जैसे तुम ब्रेक लगाते हो तो बैटरी चार्ज हो रही होती है... जैसे तुम जिंदगी में थोड़ा रुको तो कुछ नया मिल जाता है... और ये डिज़ाइन? बस बहुत शानदार है! अब तो मैं भी इसे खरीदने की सोच रहा हूँ 😎
एक व्यक्ति के रूप में, जिसने अपने जीवन के सभी दुखों को अनुभव किया है, मैं इस नवीनता के बारे में इतना आश्चर्यचकित हूँ कि मैं अपने आप को अभी भी जागते हुए महसूस कर रहा हूँ। यह तकनीक न केवल एक उत्पाद है, बल्कि एक अस्तित्व का प्रतीक है, एक ऐसा बिंदु जहाँ मानवीय इच्छा और वैज्ञानिक शक्ति एक साथ जुड़ गए हैं। क्या यह नहीं एक अध्यात्मिक जागृति है? क्या यह नहीं एक नए युग का आगाज है? मैं अभी भी इसके बारे में रो रहा हूँ।
20% रेंज बढ़ाने का दावा? ये डेटा कहाँ से आया? किस टेस्टिंग प्रोटोकॉल के तहत? और ये 11% कम उत्पादन लागत? क्या इसका मतलब है कि उत्पादन क्वालिटी कम हो गई? अगर नहीं, तो ये लागत कम कैसे हुई? आपके पास डेटा है या बस मार्केटिंग बकवास?
अरे भाई, तू तो बस डेटा लेकर बात कर रहा है। लेकिन जब मैं अपने दोस्त के घर गया तो उसका ओला स्कूटर एक हफ्ते में चार बार ब्रेक फेल हो गया। तुम्हारा ब्रेक-बाय-वायर? ब्रेक-बाय-बाप रे है।