क्या आपने कभी सोचा है कि आपका बर्गर या दही कैसे तैयार होते हैं? असल में बहुत सारी तकनीक काम कर रही होती है। आज हम बात करेंगे कि खाद्य प्रौद्योगिकी क्या है, कौन‑सी नई चीज़ें आई हैं और ये हमारी ज़िन्दगी को कैसे आसान बनाती हैं।
खाद्य प्रौद्योगिकी यानी खाने की तैयारी, संरक्षित करने और पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाले विज्ञान और इंजीनियरिंग का काम। इसमें माइक्रोवेव, एअर‑फ्रायर, फ्रीज़र से लेकर हाई‑प्रेशर प्रोसेसिंग (HPP) तक सब शामिल है। सरल शब्दों में, यह वह तकनीक है जो खाने को सुरक्षित, स्वादिष्ट और लम्बे समय तक टिकाऊ बनाती है।
उदाहरण के तौर पर, फ्रोजन फूड को जल्दी डी‑फ़्रॉस्ट करने वाले पैकेट्स या सॉल्ट‑फ्री स्नैक में मौजूद एंटी‑ऑक्सिडेंट दोनों ही टेक्नोलॉजी का नतीजा हैं। ये तकनीकें सिर्फ बड़े कारखानों में नहीं, बल्कि छोटे किचन गैजेट्स में भी पहुँच गईं हैं – जैसे ब्लेंडर, सॉलिड‑फ़ूड 3D प्रिंटर और स्मार्ट कुकर।
अब बात करते हैं उन ट्रेंड्स की जो अभी बहुत चर्चा में हैं:
इन सब चीज़ों के पीछे एक ही मकसद है – खाने को सुरक्षित, स्वादिष्ट और किफायती बनाना। जब आप सुपरमार्केट में देखेंगे कि पैकेज पर "HPP‑ट्रीटेड" या "बायो‑फ्रेंडली" लिखा है, तो समझ जाइए कि वही तकनीक आपके हाथों में आ गई है।
खाद्य प्रौद्योगिकी सिर्फ बड़े उद्योग तक सीमित नहीं रहती। अगर आप घर पर सादा दही बनाते हैं और उसे फ्रिज में सही तरह से रखते हैं, या ब्लेंडर से स्मूदी बनाते समय तापमान देख कर मिलावट रोकते हैं, तो भी आप इस विज्ञान का उपयोग कर रहे हैं।
आखिरकार, जब खाने की गुणवत्ता बढ़ती है, तो हमारी स्वास्थ्य भी बेहतर रहती है। इसलिए अगली बार जब कोई नया फूड गैजेट या पैकेजिंग दिखे, तो उसकी तकनीक पर थोड़ा गौर करें – यह आपके रोज़मर्रा के जीवन को सरल बनाने का एक छोटा कदम हो सकता है।
लीडिंग खाद्य प्रौद्योगिकी कंपनी स्विगी ने 13 नवंबर 2024 को भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर अपने शेयर सूचीबद्ध किये। ₹11,300 करोड़ जुटाने वाले इस आई.पी.ओ का मूल्य ₹371-390 प्रति शेयर था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर ₹420 और बीएसई पर ₹412 की कीमत पर सूचीबद्ध होकर स्विगी का आई.पी.ओ 7.7% और 5.6% के प्रीमियम के साथ शुरू हुआ। यह लिस्टिंग बताई गई अपेक्षाओं से बेहतर रही।
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