जब आपका आय या मुनाफा घटता है, तो उसे हम लाभ गिर्वट कहते हैं। यह सिर्फ़ कंपनियों तक सीमित नहीं, आम आदमी की तनख्वाह, टैक्स छूट और निवेश रिटर्न पर भी असर डाल सकता है। रोज़मर्रा में अगर आपको लगता है कि पैसे कम ही रहे या खर्च बढ़ रहा है, तो यही कारण हो सकता है।
लाभ गिर्वट के पीछे कई वजहें होती हैं – महंगाई, टैक्स रूल में बदलाव, बाजार की अस्थिरता और सरकारी नीतियों का असर। हाल ही में इनकम टैक्स बिल 2025 में ₹12 लाख तक की आय पर छूट बरकरार रखी गई थी, लेकिन फिर भी लोगों को कर‑बोझ बढ़ा महसूस हो रहा है क्योंकि नई डिजिटल प्रक्रियाएँ जटिल लगती हैं। इसी तरह लॉटरी जीतने के बाद भी कई बार टैक्स कटौती से वास्तविक लाभ घट जाता है।
सबसे पहले तो अपनी वित्तीय स्थिति का सही‑सही हिसाब रखें। हर महीने की आय‑व्यय सूची बनाकर देखें कि कहाँ खर्च ज़्यादा हो रहा है। टैक्स प्लानिंग के लिए पेशेवर सलाह लें, खासकर जब नई बिल या नियम आएँ। निवेश में विविधता लाएँ – सिर्फ़ शेयर नहीं, म्यूचुअल फंड, गोल्ड और रियल एस्टेट भी जोड़ें। छोटे‑छोटे बचत उपाय जैसे इलेक्ट्रिक बिल कम करना या सब्सक्रिप्शन कैंसिल करना तुरंत लाभ बढ़ा सकता है।
समाचारों को लगातार फॉलो करें – चाहे वह शेयर बाज़ार की उतार‑चढ़ाव हो, नई सरकारी योजना हो या खेल‑इवेंट में पुरस्कार राशि बदल रही हो। "समाचार दृष्टी" पर हर टैग से जुड़ी खबरें एक जगह मिलती हैं, जिससे आप तेज़ी से अपडेट रह सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, हालिया "इनकम टैक्स बिल 2025" या "लॉटरि रिज़ल्ट" जैसी ख़बरों को पढ़कर आप अपने कर‑बोझ और संभावित बोनस दोनों समझ सकेंगे।
यदि आपका व्यवसाय है तो लागत कम करने के लिए टेक्नोलॉजी अपनाएँ – क्लाउड बेस्ड अकाउंटिंग, ऑटोमेटेड इनवॉइसिंग से समय और पैसे दोनों बचते हैं। साथ ही, कर्मचारी लाभ योजनाओं को सही तरीके से लागू करके टीम की मोटिवेशन भी बढ़ेगी और कंपनी का कुल लाभ गिर्वट कम होगा।
आख़िर में याद रखें – लाभ गिर्वट एक अस्थायी स्थिति है। सही जानकारी, समय पर योजना और अनुशासित खर्चों से आप इसे उल्टा करके फिर से मुनाफा बढ़ा सकते हैं। "समाचार दृष्टी" के टैग पेज पर रोज़ नई‑नई खबरें पढ़ते रहें, ताकि आप हमेशा एक कदम आगे रहें।
नेस्ले इंडिया के शेयरों में 4% की गिरावट दर्ज की गई जब कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में लाभ में मामूली 1% की गिरावट की घोषणा की। हालांकि, कंपनी का लाभ स्ट्रीट अनुमानों से अधिक रहा। इस दौरान कंपनी की ऑपरेशनल आमदनी में 1.3% की वृद्धि हुई। कंपनी के कुछ प्रमुख ब्रांड की बिक्री में दबाव देखा गया, परंतु 65% शीर्ष ब्रांड में सकारात्मक वृद्धि हुई।
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