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नव॰,2024
बिटकॉइन की कीमत ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जब यह $75,000 के आंकड़े को पार कर गई। यह ऐतिहासिक वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक बाजार राजनीतिक अस्थिरता के बीच समायोजन कर रहा है। डोनाल्ड ट्रम्प का 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर संभावित आगमन निवेशकों के लिए चिंता और उत्साह दोनों का विषय बना हुआ है। बिटकॉइन, जिसे डिजिटल गोल्ड भी कहा जाता है, सुरक्षित निवेश का एक विकल्प माना जा रहा है और इसीलिए इसकी कीमत में इतनी बढ़त देखी गई है।
क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार पर राजनीतिक घटनाओं का गहरा प्रभाव होता है। विशेष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जैसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम इसके व्यापार में अस्थिरता और अवसर दोनों लाते हैं। फिलहाल, डोनाल्ड ट्रम्प की संभावित वापसी का अर्थव्यवस्था और बाजारों के लिए क्या अर्थ होगा, इसका अनुमान लगाना कठिन है। ट्रम्प की पूर्ववर्ती नीतियाँ, जो कि कभी-कभी अपरंपरागत और विवादित रही हैं, अब भी निवेशकों के मन में उहापोह की स्थिति पैदा कर रही हैं।
बिटकॉइन की कीमत में वृद्धि सिर्फ क्रिप्टोक्यूरेंसी तक सीमित नहीं है। इस बढ़ोतरी के साथ-साथ, अन्य प्रमुख कोइन्स जैसे इथेरियम भी मूल्य में वृद्धि देख रहे हैं। पारंपरिक बाजार, जैसे कि स्टॉक और गोल्ड, भी इसी तरह की हलचल का अनुभव कर रहे हैं। उम्मीद है कि यह ट्रेंड तब तक जारी रहेगा जब तक कि चुनाव परिणाम स्पष्ट नहीं हो जाते और उससे जुड़ी नीतियाँ बाजार के समक्ष नहीं आ जातीं।
डोनाल्ड ट्रम्प का क्रिप्टोक्यूरेंसी पर रुख अनिश्चित रहा है। उन्होंने एक ओर क्रिप्टो के खिलाफ संशय जताया, जबकि दूसरी ओर इसके संभावित फायदों को स्वीकारा। ऐसे में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो की कीमतें उनके पूरे कार्यकाल में वक्त-वेक्त पर प्रभावित हुई हैं। इस बार, हालांकि, क्रिप्टोक्यूरेंसी उद्योग को उम्मीद है कि वे एक उदार regulatory नीति की उम्मीद कर सकते हैं, जो इसके ग्रोथ को प्रोत्साहित करे।
इस समय, निवेशक वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में अनिश्चितता के बीच सुरक्षित निवेश की तलाश में हैं। बिटकॉइन का एक सुरक्षित आश्रय के रूप में उभरना आश्चर्यजनक नहीं है। ट्रेडर्स इस डिजिटल संपत्ति में निवेश कर रहे हैं क्योंकि ये उन्हें आर्थिक अस्थिरता के दौरान जोखिम को फैलाने में मदद करता है। बाजार के मौजूदा रुझानों और राजनीतिक घटनाक्रमों का विश्लेषण करने वाले विश्लेषकों का मानना है कि यह ट्रेंड आगे भी जारी रह सकता है।
बिटकॉइन ने समय-समय पर उतार-चढ़ाव का सामना किया है, लेकिन इसकी दीर्घकालीन संभावनाएँ अभी भी कई के लिए आकर्षक बनी हुई हैं। क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी दिनों में, बाजार में आए ये बदलाव इसे और भी मजबूती दे सकते हैं। तकनीकी सुधार, पोर्टफोलियो विविधीकरण, और संभावित लाभ जैसे कारक इसके भविष्य में योगदान दे सकते हैं।
बाजार की समग्र भावना वर्तमान में सकारात्मक लग रही है। निवेशक संभावित नीतिगत बदलावों का स्वागत करते हैं, जिनसे क्रिप्टोक्यूरेंसी को फलने-फूलने का अवसर मिल सकता है। हालांकि, सबकी नजरें अब भी अमेरिकी चुनावी नतीजों और उसके संभावित प्रभावों पर टिकी हैं। जैसे-जैसे समय बीत रहा है, बाजार विकासशील स्थिति का सामना करने के लिए तैयार दिखता है।
बिटकॉइन अब सिर्फ करेंसी नहीं, एक अहसास है।
लोग अभी भी डिजिटल गोल्ड के नाम पर जादू की उम्मीद कर रहे हैं 😅💸
अगर कोई सामाजिक व्यवस्था अस्थिर है, तो लोग अपनी सुरक्षा के लिए किसी ऐसी चीज की ओर आकर्षित होते हैं, जो राष्ट्रीय सीमाओं से परे हो।
मैं इस बात को समझती हूँ कि जब लोग अनिश्चितता के बीच घुल रहे हों, तो वे ऐसी चीजों की ओर रुख करते हैं जो अपने आप में अटल लगती हैं, भले ही वे डिजिटल हों, लेकिन क्या यह वास्तविक सुरक्षा है या सिर्फ एक नया अंधविश्वास?
हम जो भी करते हैं, इस दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है... लेकिन बिटकॉइन की तरह एक चीज, जिसका आपूर्ति नियंत्रित है, जिसे कोई एक व्यक्ति या सरकार नहीं बना सकता, वह अकेली वह चीज है जो इस अनिश्चितता के बीच एक अंतर्निहित तार्किकता देती है।
भारत में भी अब लोग बिटकॉइन को अपनी बचत का एक रूप बना रहे हैं... ये नई आर्थिक भाषा है, जिसे हम समझना शुरू कर रहे हैं। जब आपकी आय का एक हिस्सा नकदी में नहीं, बल्कि डिजिटल अस्तित्व में हो, तो आपको अपने भविष्य के बारे में थोड़ा अलग सोचना पड़ता है 🌍
75K? ये सब बुलबुला है। अगले महीने ये 30K तक गिर जाएगा।
अमेरिका के लिए ट्रम्प अच्छा है, लेकिन हमारे लिए? हम अपने अंदर के ब्रिटिश बुर्जुआ को देख रहे हैं, जो डिजिटल करेंसी को अपने नियंत्रण से बाहर जाते देखकर दहशत में है।
मार्केट में लिक्विडिटी का फ्लो अब डिजिटल एसेट्स की ओर शिफ्ट हो रहा है, जिसका कारण डेब्ट-बेस्ड सिस्टम के प्रति विश्वास का अभाव है। बिटकॉइन एक सॉल्वेंसी ऑप्शन है, न कि एक ट्रेडिंग विकल्प।
हम लोग अभी भी इस बात को भूल रहे हैं कि बिटकॉइन को बनाने वाला आदमी अभी तक नहीं मिला, और हम उसके बारे में जैसे भगवान की बातें कर रहे हैं।
क्या आपने कभी सोचा कि ये सब एक ग्लोबल फिनांसियल एलिट की साजिश हो सकती है जो हमें डिजिटल नियंत्रण में लाना चाहती है? ये बिटकॉइन बस एक फैकेट है जिसके पीछे एक बड़ा नियंत्रण योजना है
मैंने पिछले साल 1000 डॉलर डाले थे... अब वो 12K हो गए। अगर ये ट्रम्प वापस आया तो शायद ये 200K तक जा सकता है। दोस्तों, इस रास्ते पर चलो।
ये नया दौर है। जो लोग डर रहे हैं, वो पीछे रह जाएंगे। जो सीख रहे हैं, वो आगे बढ़ेंगे 💪🔥
अच्छा है कि ये बात चर्चा हो रही है... लेकिन क्या हम इसके तकनीकी पहलू के बारे में भी जानते हैं? जैसे कि ब्लॉकचेन का वास्तविक उपयोग, या यह कि ये कैसे बनता है? बस कीमत पर ध्यान देना बहुत छोटी बात है।
मैंने इसे अभी शुरू किया है... अभी तक थोड़ा ही डाला है, लेकिन मुझे लगता है कि ये अगले 5 साल में देश की बचत का अहम हिस्सा बन जाएगा... बस थोड़ा धैर्य रखना होगा 😊
सब बिटकॉइन के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन क्या कोई ये बता सकता है कि जब एक देश की मुद्रा अपने आप में अस्थिर हो जाए, तो क्या वह अपने नागरिकों को डिजिटल संपत्ति में निवेश करने के लिए मजबूर कर रहा है? क्या ये स्वतंत्रता है या एक नया आर्थिक बंधन?
हमारे देश की अर्थव्यवस्था को अमेरिकी चुनाव के बारे में सोचकर नहीं बचाया जा सकता। हमें अपनी खुद की नीतियां बनानी चाहिए। बिटकॉइन नहीं, हमारा स्वदेशी उद्योग चाहिए।