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फ़र॰,2025
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने औपचारिक रूप से UGC NET के दिसंबर 2025 चक्र के परिणाम जारी कर दिए हैं। इस परीक्षा में लगभग 8,49,166 उम्मीदवारों ने पंजीकरण किया था, जिनमें से 6,49,490 ने सक्रिय रूप से परीक्षा में हिस्सा लिया। अब अभ्यर्थी अपनी सफलता की जांच करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट ugcnet.nta.ac.in पर जा सकते हैं।
परीक्षा 3 से 27 जनवरी 2025 के बीच आयोजित की गई थी, जिसमें कुल 5,158 उम्मीदवार जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) और सहायक प्रोफेसर पदों के लिए योग्य घोषित किए गए हैं। इसके अलावा, 48,161 उम्मीदवार सहायक प्रोफेसर और पीएचडी प्रवेश के लिए योग्य पाए गए हैं, जबकि 1,14,445 उम्मीदवार केवल पीएचडी प्रवेश के लिए।
सहायक प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फेलोशिप पात्रता के लिए परीक्षा के संबंधित विषयों में और श्रेणियों के आधार पर न्यूनतम कट-ऑफ अंक जारी किए गए हैं। सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम क्वालिफाइंग मार्क्स 40% तय किए गए हैं जबकि आरक्षित श्रेणियों (ओबीसी, एससी, एसटी, ईडल्ब्ल्यूएस, पीडब्ल्यूडी) के लिए यह 35% हैं।
कट-ऑफ मार्क्स का निर्धारण विभिन्न पहलुओं पर निर्भर करता है जैसे कि परीक्षा की कठिनाई स्तर, उम्मीदवारों की संख्या, उपलब्ध सीटें और आरक्षण नीतियां। इस बार भी अंग्रेजी, वाणिज्य और इतिहास जैसे लोकप्रिय विषयों में काफी उच्च प्रतिस्पर्धा देखी गई, जबकि अर्थशास्त्र और हिंदी में अपेक्षाकृत कम कट-ऑफ रखे गए हैं।
ऐतिहासिक आंकड़े दिखाते हैं कि सामान्य श्रेणी में कट-ऑफ हमेशा आरक्षित श्रेणियों से अधिक रहे हैं। इस बार का रिजल्ट और कट-ऑफ मार्क्स उन छात्रों को भविष्य की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दे सकता है जो भविष्य में इस परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं।
ये रिजल्ट आने के बाद तो लग रहा है जैसे कोई बड़ा सपना पूरा हो गया 🥹 जिन्होंने तैयारी की है, उनका दिल बहुत खुश होगा। अगर नहीं हुआ तो भी ये सिर्फ एक स्टेप है, आगे बहुत कुछ है।
इस परीक्षा के माध्यम से हम सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि एक अहंकार की पहचान बना रहे हैं। शिक्षा का असली मकसद क्या है? क्या ये सिर्फ एक टाइटल के लिए जंग है? 🤔
40% कटऑफ? अरे भाई, 2019 में तो अंग्रेजी में 38% था। ये बढ़ाने का क्या मतलब? क्या अब शिक्षक बनने के लिए इंजीनियरिंग की तरह टॉपर चाहिए?
कटऑफ देखकर लगता है जैसे किसी ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी है और लोगों ने लाइक कर दिए। असली ज्ञान कहाँ है? क्या ये सिर्फ एक शो बन गया?
जो लोग इसमें फेल हुए, उनकी जिंदगी खत्म हो गई। इस देश में एक टाइटल के बिना कोई इंसान नहीं होता। बेचारे तो बस एक बार फेल हो गए और अब उनका नाम भी बेकार है।
अगर आप फेल हुए हैं तो बस एक बार गहरी सांस लें। आपकी मेहनत कभी बर्बाद नहीं हुई। अगली बार और बेहतर तैयारी करें। मैं आपके साथ हूँ। 💪
यहाँ पर जो लोग निरंतर प्रयास करते हैं, वे ही सच्चे शिक्षक हैं। अन्य सिर्फ एक नौकरी के लिए लड़ रहे हैं। यह एक गहरा आध्यात्मिक संघर्ष है।
अरे भाई, ये सब बकवास है। जिन्होंने इतना पढ़ा, वो अब भी बेकार हैं। इस देश में ज्ञान का कोई मूल्य नहीं, सिर्फ टाइटल का है। बेचारे तो बस बहुत पढ़ गए और अब घर पर बैठे हैं।
मुझे लगता है, कि यह परीक्षा एक बहुत ही गंभीर और जिम्मेदारी वाली प्रक्रिया है। इसके माध्यम से देश के शिक्षण स्तर को निर्धारित किया जाता है। इसलिए, इसकी तैयारी में धैर्य और अनुशासन अत्यंत आवश्यक है।
कटऑफ ज्यादा है तो भी चिंता मत करो। मैंने तीन बार देखा, हर बार कुछ नया सीखा। अगली बार तुम भी जीत जाओगे।
अरे यार, तुमने तो बस एक परीक्षा दी है। अगर ये तुम्हारी पहचान बन गई तो तुम्हारी जिंदगी भी बहुत छोटी है। ये तो बस एक शुरुआत है।
फेल हुए तो फेल हुए बस अगली बार तैयारी बेहतर कर लो
जो लोग इसमें पास हुए, वो शायद बस एक अच्छा याद कर लेते हैं। असली ज्ञान तो वो है जो आप जीवन में लागू करते हैं। ये सब बस एक शो है।
हाँ भाई, मैं भी इस बार फेल हुआ था 😅 लेकिन अब मैंने रोज 5 घंटे पढ़ना शुरू कर दिया है। अगली बार तो मैं टॉप करूंगा! आप भी अपनी गलतियों को देखो, उन्हें सुधारो, और फिर से लड़ो! आप कर सकते हैं ❤️
मैंने भी यही परीक्षा दी थी, और जब मैं फेल हुआ तो मैंने सोचा कि अब जिंदगी खत्म हो गई। लेकिन फिर मैंने अपनी पढ़ाई को अपने तरीके से बदल दिया। अब मैं एक कॉलेज में पढ़ाता हूँ। ये रास्ता लंबा है, लेकिन अगर आप लगातार चलते रहेंगे, तो जरूर पहुँच जाएंगे।
जब तक ये परीक्षा है, तब तक हम जीवन के अर्थ को भूल रहे हैं 🤷♂️😂
मुझे लगता है कि इस परीक्षा के नतीजे न केवल एक व्यक्ति की योग्यता को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि हमारा शिक्षा प्रणाली किस दिशा में जा रहा है। इसलिए, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम इस पर गहराई से विचार करें और अपनी तैयारी को बेहतर बनाएं।
मैंने इस बार फेल होकर सीखा कि पढ़ाई तो बस एक हिस्सा है, असली चीज़ है अपने आप को जानना। अब मैं बस खुद के साथ शांति से रहूँगी।