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जून,2024
बिहार लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम सामने आ गए हैं और राज्य की राजनीतिक तस्वीर धीरे-धीरे साफ हो रही है। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा मतगणना के लाइव अपडेट प्रदान किए जा रहे हैं। इस बार के चुनाव में कुल 40 लोकसभा सीटों पर मुकाबला हुआ है और सभी सीटों के परिणाम धीरे-धीरे घोषित हो रहे हैं। प्रमुख पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनतादल (यूनाइटेड) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रमुख रूप से शामिल हैं।
राजद इस बार अनेक सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, वहीं भाजपा भी मजबूती से प्रदर्शन कर रही है। भाजपा के नेताओं में अमित शाह और नरेंद्र मोदी की तस्वीरें उभर कर सामने आ रही हैं, जबकि राजद की ओर से तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव की अगुवाई में पार्टी ने प्रभावी प्रचार किया।
इस बार का चुनाव खासकर इसलिए महत्वपूर्ण रहा क्योंकि राजद ने न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास किया। वहीं भाजपा की लोकप्रियता का बढ़त उनके पारंपरिक गढ़ों में साफ नजर आ रही है।
जनतादल (यूनाइटेड) इस बार पीछे नजर आ रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी ने कई मजबूत दावेदार उतारे थे, लेकिन उनकी अपेक्षाएं पूरी होती नहीं दिख रही हैं। इसी बीच कांग्रेस भी कई सीटों पर संघर्ष कर रही है। पार्टी ने प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की रैलियों से मनोरंजन किया, लेकिन मतदाताओं को उनकी तरफ खींचने में असफल रही।
मतगणना के लिए बिहार में कई केंद्र स्थापित किए गए हैं। प्रत्येक जिले में अलग-अलग केंद्र बनाए गए हैं, जहां मतदान की प्रक्रिया को इत्मीनान से संपन्न किया जा रहा है। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम भी किए गए हैं।
इस बार के चुनाव में मतदान दर काफी उच्च रही। मतदाताओं ने बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। माना जा रहा है कि इस उच्च मतदान दर का प्रभाव परिणामों पर भी साफ दिखाई देगा। प्रमुख नेताओं में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अपना मत डाला।
यह चुनाव बिहार के लोकसभा की सीटों के साथ ही राष्ट्रीय राजनीति पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। बिहार में जीते गए सांसद उनके दलों की ताकत को संसद में बढ़ाएंगे और इससे आगामी नीतियों और निर्णयों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।
बिहार के चुनाव परिणाम आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य को भी बदल सकते हैं। जैसे-जैसे नतीजे स्पष्ट होंगे, विभिन्न दलों की रणनीतियों और गठबंधन की चर्चाओं का दौर भी शुरू होगा।
अभी वक्त है, जब हमें धीमे-धीमे इसकी तस्वीर साफ होती दिख रही है कि बिहार के किस राजनीतिक दल को जीत मिलेगी और किसकी उम्मीदें धराशायी होंगी।
बीजेपी ने बिहार में अब तक का सबसे बड़ा धमाका कर दिया है! राजद की बातें अब सिर्फ गपशप हैं। मोदी जी की छवि और अमित शाह की रणनीति ने पूरा खेल बदल दिया। ये जीत बिहार के लिए नहीं, पूरे देश के लिए है।
इस चुनाव में मतदान दर 70% के पार गई है, जो बिहार के लोगों की जागरूकता का बेहतरीन प्रमाण है। अगर राजनीति अब भी बस नेताओं की तस्वीरों पर टिकी रही, तो ये जनता का वोट क्यों आया? समय बदल रहा है।
अरे भाई, जद(यू) को तो लगता है जैसे नीतीश कुमार अभी भी बिहार के बाबू हैं... ये लोग तो 2005 की रणनीति से बाहर नहीं निकल पाए। और कांग्रेस? प्रियंका गांधी की रैलियाँ तो बिहार के लिए बस एक बड़ा सा डॉक्यूमेंट्री थीं, जिसमें कोई भी वोट नहीं मिला। ये सब तो बस बाजार में चलने वाली फेक न्यूज़ का खेल है।
बहुत अच्छा हुआ कि लोगों ने वोट दिया... बहुत बहुत बधाई! 😊😊 अब देखते हैं कि कौन क्या करता है... लेकिन ये तो सब लोग अच्छे हैं... बस थोड़ा और धैर्य रखें... अच्छा भी होगा... बहुत अच्छा होगा... 😌
मुझे लगता है कि बिहार के लोगों ने एक नई उम्मीद का निर्माण किया है। चाहे जो भी पार्टी जीते, ये चुनाव एक नया आधार बनाने वाला है।
अरे यार, राजद की तरफ से तेजस्वी यादव का नाम लेना अभी भी एक ट्रेंड है? उनके पापा की बातें अभी भी चल रही हैं क्या? और बीजेपी का जो बल बढ़ रहा है, वो सिर्फ मोदी की तस्वीरों से नहीं, बल्कि असली विकास के बारे में बात करने से है।
बीजेपी ने बिहार को बेच दिया है और राजद भी नहीं बचा अब कुछ भी। ये सब बस एक बड़ा धोखा है।
ये चुनाव तो बिहार के लिए नहीं, बल्कि भारत के लिए एक निर्णायक पल है। जो लोग अभी भी राजद या जद(यू) के नाम से चल रहे हैं, वो अभी भी 20वीं सदी में फंसे हुए हैं। आधुनिक राजनीति तो विचारों से चलती है, न कि परिवारों से।
बहुत अच्छा हुआ बहुत अच्छा हुआ 😊❤️ लोगों ने अपना वोट दिया ये बहुत बड़ी बात है... अब सबको एक साथ आकर बिहार को बेहतर बनाना होगा... बस थोड़ा धैर्य रखें... सब ठीक हो जाएगा... 😊
बिहार में मतदान का ये स्तर तो अभी तक का सबसे बड़ा था। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों ने वोट दिया, ये बहुत बड़ी बात है। अब बात ये है कि नेता कैसे इस ऊर्जा को विकास में बदलते हैं। ये असली चुनौती है।
जीत या हार... सब तो चक्कर में है 😅 लेकिन ये चुनाव तो बस एक बड़ा सा धोखा है... जैसे बारिश के बाद भी नदी बहती है... बस बदलता है नाम 😅
बिहार के मतदाताओं ने अपने वोट से साफ कर दिया कि वो किसी भी वादे के लिए नहीं, बल्कि विकास और जवाबदेही के लिए वोट करते हैं। भाजपा का बढ़त अच्छा है, लेकिन अगर ये विकास के आंकड़ों से नहीं, बल्कि केवल नेताओं की छवि से बना है, तो ये जीत अस्थायी होगी। इसलिए, अब नीतियों पर ध्यान देना होगा।
कांग्रेस के लिए ये चुनाव बस एक बड़ा सा शोक सभा था। प्रियंका की रैलियाँ तो बिहार के लिए बस एक फेसबुक पोस्ट थीं। अब तो बस लोगों को वोट देने के लिए नहीं, बल्कि उनके जीवन को बदलने के लिए आना होगा।
इस चुनाव में सब कुछ तैयार किया गया था। ईसीआई के सामने एक बड़ा सा नाटक चल रहा था। ये जो बीजेपी जीत रही है, वो बस एक बड़ा धोखा है। वोटर डेटा बदल दिया गया है। कोई नहीं जानता कि असली नतीजे क्या हैं।
चुनाव तो एक दर्पण है जो हमारी सामाजिक भावनाओं को दिखाता है। बिहार में उच्च मतदान दर का मतलब है कि लोग अब बस नेताओं के नाम नहीं, बल्कि उनके विचारों के लिए वोट करने लगे हैं। ये एक सामाजिक क्रांति है। अब बात ये है कि नेता कैसे इस भावना को समझते हैं।
बिहार के चुनाव परिणाम एक राष्ट्रीय राजनीतिक समीकरण को नए आधार पर खड़ा करने वाले हैं। जब एक राज्य में विकास के आधार पर जनता ने वोट दिया है, तो ये एक नए राजनीतिक अर्थशास्त्र की शुरुआत है। अब गठबंधनों की गणित बदल जाएगी।
बीजेपी जीत गई। राजद फेल। जद(यू) बर्बाद। कांग्रेस गायब। सब कुछ बिल्कुल अपेक्षित था।
राजद के लोग अभी भी अपने पापा के नाम पर चल रहे हैं? ये तो बस एक बड़ा सा शर्मनाक नाटक है। और जद(यू) का नीतीश? वो तो बस एक बुरा बूढ़ा है जो अपने बारे में बहुत ज्यादा सोचता है। बीजेपी को जीतना था, बस इतना ही।