बिहार लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम सामने आ गए हैं और राज्य की राजनीतिक तस्वीर धीरे-धीरे साफ हो रही है। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) द्वारा मतगणना के लाइव अपडेट प्रदान किए जा रहे हैं। इस बार के चुनाव में कुल 40 लोकसभा सीटों पर मुकाबला हुआ है और सभी सीटों के परिणाम धीरे-धीरे घोषित हो रहे हैं। प्रमुख पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनतादल (यूनाइटेड) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रमुख रूप से शामिल हैं।
राजद इस बार अनेक सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, वहीं भाजपा भी मजबूती से प्रदर्शन कर रही है। भाजपा के नेताओं में अमित शाह और नरेंद्र मोदी की तस्वीरें उभर कर सामने आ रही हैं, जबकि राजद की ओर से तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव की अगुवाई में पार्टी ने प्रभावी प्रचार किया।
इस बार का चुनाव खासकर इसलिए महत्वपूर्ण रहा क्योंकि राजद ने न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास किया। वहीं भाजपा की लोकप्रियता का बढ़त उनके पारंपरिक गढ़ों में साफ नजर आ रही है।
जनतादल (यूनाइटेड) इस बार पीछे नजर आ रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी ने कई मजबूत दावेदार उतारे थे, लेकिन उनकी अपेक्षाएं पूरी होती नहीं दिख रही हैं। इसी बीच कांग्रेस भी कई सीटों पर संघर्ष कर रही है। पार्टी ने प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की रैलियों से मनोरंजन किया, लेकिन मतदाताओं को उनकी तरफ खींचने में असफल रही।
मतगणना के लिए बिहार में कई केंद्र स्थापित किए गए हैं। प्रत्येक जिले में अलग-अलग केंद्र बनाए गए हैं, जहां मतदान की प्रक्रिया को इत्मीनान से संपन्न किया जा रहा है। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम भी किए गए हैं।
इस बार के चुनाव में मतदान दर काफी उच्च रही। मतदाताओं ने बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। माना जा रहा है कि इस उच्च मतदान दर का प्रभाव परिणामों पर भी साफ दिखाई देगा। प्रमुख नेताओं में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी अपना मत डाला।
यह चुनाव बिहार के लोकसभा की सीटों के साथ ही राष्ट्रीय राजनीति पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। बिहार में जीते गए सांसद उनके दलों की ताकत को संसद में बढ़ाएंगे और इससे आगामी नीतियों और निर्णयों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।
बिहार के चुनाव परिणाम आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य को भी बदल सकते हैं। जैसे-जैसे नतीजे स्पष्ट होंगे, विभिन्न दलों की रणनीतियों और गठबंधन की चर्चाओं का दौर भी शुरू होगा।
अभी वक्त है, जब हमें धीमे-धीमे इसकी तस्वीर साफ होती दिख रही है कि बिहार के किस राजनीतिक दल को जीत मिलेगी और किसकी उम्मीदें धराशायी होंगी।
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