रामोजी राव: मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के दिग्गज जिन्होंने हमेशा के लिए छाप छोड़ी 8 जून,2024

रामोजी राव: मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के महानायक

दिग्गज मीडिया पर्सनालिटी और व्यावसायिक टायकून रामोजी राव का हाल ही में निधन हो गया। उनका जीवन और कार्य बहुआयामी था। मीडिया से लेकर हॉस्पिटैलिटी, एनबीएफसी, खाद्य और रिटेल स्टोर श्रृंखलाओं तक, उनकी उपलब्धियां और दृष्टिकोण ने व्यापक प्रभाव डाला। रामोजी राव का जन्म 16 नवंबर, 1936 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में हुआ था। उनकी प्रारंभिक यात्रा बहुत साधारण थी, लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे सफलता की ऊँचाइयों को छू लिया।

शुरुआत और किशोरावस्था

रामोजी राव ने 1962 में मार्गदर्शी चिट फंड की स्थापना की, जो उनके व्यावसायिक करियर की पहली सीढ़ी बनी। 1969 में उन्होंने 'अन्नदाता' नामक एक पत्रिका की शुरुआत की, जो किसानों के लिए थी। यह पत्रिका न केवल तत्काल लोकप्रिय हुई, बल्कि इसके जरिए उन्होंने मीडिया क्षेत्र में अपने पहले कदम रखे। इस पत्रिका ने किसानों की महत्वपूर्ण समस्याओं और मुद्दों को उजागर करने का काम किया।

ईनाडु: एक क्रांति

रामोजी राव ने 1974 में विशाखापट्टनम में 'ईनाडु' समाचार पत्र की स्थापना की। यह समाचार पत्र तेलुगु मीडिया क्षेत्र में एक क्रांति साबित हुआ। ईनाडु ने साधारण तेलुगु भाषा का उपयोग किया और स्थानीय खबरों पर विशेष ध्यान दिया, जिससे इसे तत्काल पहचाना गया और लोकप्रियता मिली। इस अखबार की टाइमली डिलीवरी और अपने पाठकों के बीच विश्वास ने इसे तेलुगु का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला दैनिक बना दिया।

मीडिया से लेकर मनोरंजन तक

रामोजी राव का प्रभाव सिर्फ प्रिंट मीडिया तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने ईटीवी का एक चैनल बंच शुरू किया, जो तेलुगु उपग्रह मनोरंजन चैनलों में से एक था। 'पाडुथा तीयगा' जैसे शो ने हजारों उभरते गायकों को मंच प्रदान किया।

रामोजी फिल्म सिटी: एक विश्व कीर्तिमान

रामोजी राव द्वारा स्थापित रामोजी फिल्म सिटी ने भी विश्व स्तर पर पहचान बनाई। यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अनुसार दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी है और इसमें हजारों फिल्मों का निर्माण हुआ है, जिसमें एसएस राजामौली की 'बाहुबली' प्रमुख हैं।

खाद्य और रिटेल में योगदान

रामोजी राव ने प्रिया फूड्स की शुरुआत की, जो अब पूरे भारत में और विदेशों में लोकप्रिय हैं। उनके उत्पाद, खासकर अचार, हर घर का हिस्सा बन गए हैं।

उपन्यास और प्रेरणा

रामोजी राव ने अपने अनोखे फिल्म निर्माण शैली से भी काफी नाम कमाया। उन्हें 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। उनका योगदान सिर्फ व्यवसाय में ही नहीं, बल्कि समाज सेवा में भी था। प्राकृतिक आपदाओं के समय एकत्रित किए गए राहत कोष से कई राज्यों में स्थायी घर और स्कूल बनाए गए।

समापन

रामोजी राव ने न केवल कई लोगों को रोजगार दिया, बल्कि उनके जीवन को भी प्रभावित किया। उनके द्वारा बनाई गई कंपनियाँ आज भी हजारों लोगों को रोजगार प्रदान कर रही हैं और अनगिनत जीवनों को छू रही हैं। उनकी विवादहीन और प्रेरणादायक यात्रा हमेशा के लिए लोगों के दिलों में छाप छोड़ेगी।

टिप्पणि
Sai Sujith Poosarla
Sai Sujith Poosarla 9 जून 2024

ये रामोजी राव का जीवन किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं! पर अब तो हर कोई अपनी बात बोल रहा है, कोई ईनाडु का नाम लेता है, कोई रामोजी फिल्म सिटी का। असली मुद्दा ये है कि आज के युवा किसी भी चीज़ को बनाने की हिम्मत नहीं रखते। सिर्फ रील्स बनाते हैं, और फिर वायरल होने का सपना देखते हैं।

Sri Vrushank
Sri Vrushank 10 जून 2024

इन सब बातों में एक बड़ा झूठ है कि ये सब उनकी अपनी कमाई थी लेकिन असल में सरकार ने उन्हें जमीन और लाइसेंस दिए थे जिससे वो अपने दोस्तों के साथ बड़ा लाभ उठा पाए और अब वो नेशनल हीरो बन गए जबकि असली आम आदमी को तो बिजली का बिल भी नहीं देने देते

Praveen S
Praveen S 11 जून 2024

रामोजी राव की यात्रा, एक व्यक्ति के लिए एक अद्भुत उदाहरण है - जहाँ शुरुआत साधारण थी, लेकिन लगन, दृढ़ता, और विश्वास ने उन्हें एक ऐसे स्तर तक पहुँचाया जहाँ वे न केवल एक व्यापारी बने, बल्कि एक सामाजिक निर्माता भी। उन्होंने भाषा को शक्ति बनाया, समाचार को लोगों की आवाज़ बनाया, और मनोरंजन को एक सार्वजनिक भवन में बदल दिया। यह एक ऐसा निर्माण है जिसे कोई नहीं तोड़ सकता।

mohit malhotra
mohit malhotra 12 जून 2024

उनके व्यवसायिक इकोसिस्टम में एक अद्वितीय सिंगल-स्टॉप सॉल्यूशन था - मीडिया से लेकर रिटेल तक, सभी क्षेत्रों में एक एकीकृत विजन था। उन्होंने स्थानीय भाषा के साथ ग्लोबल स्टैंडर्ड्स को मैनेज किया, जिसने एक नए ब्रांड ऑफ इंडियन एंटरप्रेन्योरशिप को डिफाइन किया। ये सिर्फ एक व्यक्ति की सफलता नहीं, बल्कि एक नए जनरेशन के लिए एक मॉडल है।

Gaurav Mishra
Gaurav Mishra 13 जून 2024

फिल्म सिटी बड़ी है, लेकिन उसमें कितनी फिल्में असली क्वालिटी की बनीं? बाहुबली तो एक फेक है।

Aayush Bhardwaj
Aayush Bhardwaj 15 जून 2024

अब ये सब लोग उनके नाम से लोगों को भावुक कर रहे हैं लेकिन जब वो जिंदा थे तो उनके खिलाफ जो लोग लिखते थे उन्हें तो ट्रोल किया जाता था। अब जब वो नहीं रहे तो सब नेशनल हीरो बन गए। बस ये नहीं कि जिंदा होने पर उन्होंने कुछ अच्छा किया, बल्कि अब उनका नाम लेकर लोग अपनी नीचता छुपा रहे हैं

Vikash Gupta
Vikash Gupta 17 जून 2024

रामोजी राव का जीवन एक भारतीय सपने की कहानी है - एक छोटे से गाँव से शुरू होकर दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी तक। उन्होंने भाषा को बचाया, साहित्य को जिंदा रखा, और एक ऐसा निर्माण किया जो अब दुनिया को दिखा रहा है कि भारत की आत्मा कहाँ है। उनके बिना, तेलुगु संस्कृति का एक अहम हिस्सा गायब हो जाता। उन्होंने सिर्फ फिल्में नहीं बनाईं, बल्कि लोगों के सपनों को भी जगाया।

Arun Kumar
Arun Kumar 18 जून 2024

मैंने अपने बचपन में ईनाडु का एक अंक अपने दादाजी के घर पर पढ़ा था - उसमें एक लेख था कि एक किसान ने अपनी फसल बेचकर अपने बेटे को इंजीनियर बनाया। आज वो बेटा एक बड़ा डॉक्टर है। रामोजी राव ने ऐसे हजारों लोगों के जीवन को बदल दिया। ये कोई बिजनेसमैन नहीं, ये एक लेखक था जिसने लोगों के लिए शब्दों से ज़िंदगी लिखी।

Sai Sujith Poosarla
Sai Sujith Poosarla 20 जून 2024

तुम लोग तो बस बातें कर रहे हो लेकिन जब रामोजी राव ने ईनाडु शुरू किया तो उसे बंद करने के लिए लोगों ने उनके ऑफिस पर पत्थर फेंके थे। आज तुम लोग उनके नाम से लोगों को भावुक कर रहे हो लेकिन जब उनके खिलाफ बात करने वाले थे तो तुम कहाँ थे? अब तो सब उनके नाम से लोगों को भावुक कर रहे हो।

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