जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने पत्नी के साथ बनाया डिलीवरी एजेंट का सफर यादगार 6 अक्तू॰,2024

जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल का अनूठा प्रयास

एक सफल व्यापारी के जीवन में कुछ ऐसे पहलू होते हैं जो आम तौर पर दिखाई नहीं देते। जोमैटो के सह-संस्थापक और सीईओ, दीपिंदर गोयल ने अपनी पत्नी ग्रेशिया मुनोज़ के साथ मिलकर ऐसे ही एक अद्भुत और अनोखे प्रयास का साक्ष्य प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने व्यस्त समय में से एक दिन का समय निकाला और अपने नियमित ऑफिस ड्यूटी को छोड़कर, एक दिन के लिए चयन किया कि वे और उनकी पत्नि डिलीवरी एजेंट के तौर पर काम करेंगे। यह घटना गुरुग्राम की है, जहाँ गोयल और ग्रेशिया ने एक दिन के लिए जोमैटो की डिलीवरी एजेंट की भूमिका अदा की। इस कोशिश का मुख्य उद्देश्य था डिलीवरी एजेंटों के दैनिक जीवन की चुनौतियों को समझना और सही मायनों में उनके कार्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना।

जोमैटो के इतिहास से वाकिफ़

2008 में स्थापित, जोमैटो आज की तारीख में दुनिया भर में एक प्रमुख खाद्य वितरण और रेस्तरां खोज मंच बन चुका है। दीपिंदर गोयल का इस प्लेटफार्म को शीर्ष पर ले जाने का समर्पण और दृढ़ता ही उनकी कहानी का मुख्य अंश है। वे अपने दृढ़ उत्साह और कार्यप्रणाली के लिए जाने जाते हैं। और यही कारण है कि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर डिलीवरी एजेंट के तौर पर दिन बिताने का निर्णय लिया। इसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि गोयल की शादी हाल ही में पूर्व मैक्सिकन मॉडल ग्रेशिया मुनोज़ से हुई है, और वे अपने नए शामित संबंधों को मजबूती देने का प्रयास कर रहे थे।

डिलीवरी की दुनिया का अनुभव

डिलीवरी की दुनिया का अनुभव

दीपिंदर गोयल और उनकी पत्नि ग्रेशिया ने जिस दिन गुरुग्राम की सड़कों पर डिलीवरी के आदेशों को पूरा किया, वह सिर्फ एक सामान्य दिन नहीं था। उसी दिन उन्होंने यह जाहिर किया कि वे अपने संगठन के हर छोटे-बड़े हिस्से को महत्व देते हैं। सड़कों पर बदमाशी, पतली गलियों में लोकेशन ढूंढने की कठिनाई, और डिलीवरी पर ग्राहकों की प्रतिक्रिया को समेटने वाला यह अनुभव उन्हें कई नीति निर्माण और प्रबंधन के निर्णय लेने में मदद करेगा।

इंस्टाग्राम पर साझा किए अनुभव

यह अनुभव सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि उनके प्रशंसकों और फॉलोअर्स के लिए भी खास बन गया, जब उन्होंने इसे सोशल मीडिया पर साझा किया। इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गईं तस्वीरों में गोयल और ग्रेशिया को सड़कों पर बाइक चला कर, गंतव्य स्थानों की जाँच करते हुए और ग्राहकों के साथ बातचीत करते हुए देखा जा सकता है।

इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर एक तरह की प्रतिक्रियाओं का हुजूम पैदा किया। कई लोग उनके इस कदम की सराहना कर रहे थे, तो कुछ ने इसे पीआर स्टंट के रूप में देखा। हालांकि, दीपिंदर गोयल के इस प्रयास का मुख्य लक्ष्य इस अनुभव के माध्यम से डिलीवरी कर्मियों के कार्य सप्ताह के प्रति एक बेहतरीन दृष्टिकोण प्राप्त करना था। इस तरह के अनेकों संदेश इस प्रवृत्ति का समर्थन कर रहे थे।

डिलीवरी एजेंट से CEO तक का सफर

डिलीवरी एजेंट से CEO तक का सफर

यह बात तो सभी को ज्ञात है कि दीपिंदर गोयल की नेटवर्थ आज लगभग $1.7 बिलियन है। और यह उपलब्धि उनके लिए इस दिन की कठिनाईयों में तात्क्षणिक महत्व नहीं रखता, बल्कि उन्हें यह अहसास दिलाता है कि जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है। जोमैटो के 16वें जन्मदिन के उत्सव का भी जिक्र किया गया, जब यह जोड़ा छात्रों और उनके साथ एक जोमैटो डिलीवरी पार्टनर के साथ एक स्कूल में गया, और पूरी ईमानदारी और विनम्रता के साथ उनका आनंद मनाया।

गहन चर्चा का विषय

दीपिंदर गोयल के इस कदम ने न सिर्फ जोमैटो परिवार के सदस्यों, बल्कि कई सामाजिक मंचों पर भी बहस छेड़ दी है। कैसे एक व्यक्ति जो अरबों में गणना करता है, अपनी जड़े नहीं भूला और यह समझने के लिए अपने कर्मचारियों के अनुभव से गुजरने की कोशिश कर रहा है कि कैसे नए उपायों को लागू किया जा सकता है। इससे इस तरह के कार्य भी प्रेरित हुए हैं जिनमें कंपनियों के उच्चाधिकारी अपने कर्मचारियों के जीवन से सीधे जुड़े निर्णय करने में सक्षम हो सकते हैं।

यह पहल एक नई सोच को जन्म देती है। यह दिखाता है कि एक सीईओ सिर्फ एक शीर्ष नेता नहीं, बल्कि एक अच्छा समर्पित साथी और साथी कर्मचारी भी हो सकता है। जोमैटो के संस्थापक का यह प्रयास निस्संदेह उन मूल्यों को ताजा रूप से उद्वेलित कर रहा है, जो उन्हें उनकी कंपनी के साथ जोड़ते हैं।

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